भारत में व्यापार या कंज्यूमर के साथ डील करने वाले को मानना होगा भारतीय कानूनः राजीव चंद्रशेखर

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेशन में ‘भारत में डेटा गोपनीयता के इको सिस्टम का निर्माण’ विषय पर सेशन में BJP MP राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पब्लिशर्स और मीडिएटर्स को एक नया राजस्व मॉडल देखना शुरू करना चाहिए और उपभोक्ता डेटा के मोनेटाइजेशन पर निर्भर होने के बजाय इसे विविधता देना चाहिए।

नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ व्यापार करने वाले और भारतीय उपभोक्ताओं के साथ डील करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय कानूनों का पालन करना चाहिए।
वह इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेशन में ‘भारत में डेटा गोपनीयता के इको सिस्टम का निर्माण’ विषय पर सेशन में श्री चंद्रशेखर ने कहा कि पब्लिशर्स और मीडिएटर्स को यह समझना चाहिए कि जल्द ही कानून के माध्यम से उनके रास्ते में व्यवधान आएंगे। कानून उन लोगों को प्रभावित करेगा जो उपयोगकर्ताओं के डेटा का मोनेटाइजेशन कर रहे हैं। उन्हें एक नया राजस्व मॉडल देखना शुरू करना चाहिए और उपभोक्ता डेटा के मोनेटाइजेशन पर निर्भर होने के बजाय इसे विविधता देना चाहिए। यह व्यवसाय मॉडल को बदलने की आवश्यकता का प्रतिनिधित्व करता है।

मोदी सरकार के डेटा संरक्षण विधेयक को समझाया

Latest Videos

उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के डेटा संरक्षण विधेयक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, इंटरनेट को एक दूसरे के साथ संचार करने वाले कंप्यूटरों के एक निर्बाध नेटवर्क के रूप में डिजाइन किया गया था। इसका मतलब कभी नहीं था कि यह वाणिज्यिक शोषण का आईलैंड बनें। डेटा संरक्षण विधेयक का बैकस्टोरी 10 साल का प्रयास है। मैं 2010 में एक बिल लाया। कारण था आधार। यह अच्छे इरादों के साथ किया गया था। डेटा के दाता के लिए कोई सम्मान नहीं था। कई लोग अदालत गए और 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 21 के तहत निजता भी भारत के लोगों के लिए एक मौलिक अधिकार है। निजता अब कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे भारत सरकार या कोई और दे रहा है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा संरक्षण विधेयक का निर्धारण, सभी पक्षों को शामिल करने के बाद किया गया था। डेटा संरक्षण विधेयक संचालन और कानून बनाता है कि कैसे निजता के मौलिक अधिकार को कानून के माध्यम से संचालित किया जाएगा। संविधान में प्रत्येक मौलिक अधिकार के अपवाद हैं, कोई अधिकार पूर्ण नहीं हैं। डेटा संरक्षण विधेयक विधायी संरचनाओं को निजता के अधिकार तक पहुंचाता है। डेटा संरक्षण विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया है, जो विधेयक का मूल्यांकन कर रही है।

क्या डेटा को स्थानीय सर्वर पर सेव करना चाहिए?
भारतीय वित्तीय डेटा को स्थानीय सर्वर पर सेव किया जाना चाहिए? इस पर राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डेटा स्थानीयकरण का यह मुद्दा एक बहस है जिसके दो पक्ष हैं। एक तरफ डेटा संप्रभुता है जो इस बात से निपटेगी कि क्या भारतीय डेटा की सुरक्षा हमारे भूगोल से परे है। दूसरी तरफ, उद्यमी डेटा स्टोर करने का विकल्प चाहते हैं। वे यह नहीं बताना चाहते हैं कि यहां उनका डेटा स्टोर हो। यहां समझौता यह है कि आप यहां डेटा मिरर करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि जो लोग भारत में डेटा एकत्र करते हैं, चाहे वे किसी विदेशी क्षेत्राधिकार में हों, लेकिन वह भारतीय कानून के अनुरूप ही होगा। हम कर सकते हैं। कुछ ऐसा नहीं है जो आज ट्विटर पर देखा जा रहा है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

Google CEO सुंदर पिचाई ने Donald Trump को किया फोन, बीच में शामिल हो गए Elon Musk और फिर...
अडानी पर लगा रिश्वतखोरी का आरोप, बॉन्ड पेशकश रद्द! जानें क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र-झारखंड में किसकी बनेगी सरकार, चौंका रहे एग्जिट पोल। Maharashtra Jharkhand Exit Poll
जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
ठहाके लगाकर हंसी फिर शरमा गईं IAS Tina Dabi, महिलाओं ने ऐसा क्या कहा जो गुलाबी हो गया चेहरा