प. बंगाल में चमत्कार! कड़ाके की ठंड में नवजात को फेंका, Stray Dogs बने मासूम के पहरेदार

Published : Dec 03, 2025, 09:33 AM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर

सार

पश्चिम बंगाल के नादिया में, आवारा कुत्तों ने ठंड में छोड़े गए एक नवजात शिशु की जान बचाई। कुत्तों ने रात भर बच्चे को घेरकर उसे गर्मी दी और उसकी रक्षा की। सुबह स्थानीय लोगों ने उसे बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया।

कोलकाता: देश के अलग-अलग हिस्सों से आवारा कुत्तों के हमलों में लोगों के घायल होने की खबरें आम हैं. लेकिन जब जन्म के कुछ घंटे बाद ही एक नवजात शिशु को किसी ने कड़ाके की ठंड में मरने के लिए छोड़ दिया, तो आवारा कुत्तों का एक झुंड उसकी हिफाजत के लिए खड़ा हो गया. यह अनोखा मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले का है. ऐसे समय में जब घर में सो रहे बच्चे भी कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं, आवारा कुत्तों का एक बच्चे का रक्षक बनना हैरान करने वाला है. बचाव दल के आने तक, कुत्ते बच्चे के चारों ओर खड़े रहे, उसे ठंड से बचाने के लिए गर्मी देते रहे और उसकी रखवाली करते रहे. बच्चे को नादिया में रेलवे कर्मचारी कॉलोनी के पास एक शौचालय के बाहर छोड़ा गया था। 

खून के धब्बे भी नहीं पोंछे, आवारा कुत्ते बने पहरेदार 

बच्चे को देखकर साफ लग रहा था कि उसका जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ है. उसके शरीर पर खून लगा था, लेकिन छोड़ने वालों ने उसे ढकने के लिए एक छोटा कपड़ा तक नहीं रखा था. माना जा रहा है कि निर्दयी लोगों ने यह सोचकर बच्चे को छोड़ा था कि वह या तो ठंड से मर जाएगा या कुत्ते उसे काट लेंगे. लेकिन, इलाके के आवारा कुत्तों का झुंड बच्चे को देखकर उसकी सुरक्षा के लिए दौड़ पड़ा. वे बिना भौंके या हिले-डुले पूरी रात बच्चे की रखवाली करते रहे. स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि कुत्तों ने रात में किसी और को बच्चे के पास नहीं आने दिया. सबसे पहले स्थानीय निवासी सुक्ला मोंडल ने बच्चे को कुत्तों से घिरा हुआ देखा. सुक्ला बताती हैं कि जब वह कुत्तों के झुंड के पास गईं, तो उन्होंने न तो भौंका और न ही उन्हें भगाने की कोशिश की. स्थानीय लोगों का कहना है कि शायद कुत्तों को समझ आ गया था कि बच्चा अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है. 

सुबह बच्चे के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग पहुंचे और उसे बचाकर अस्पताल ले गए. सुक्ला मोंडल बताती हैं कि जब तक उन्होंने बच्चे को अपने दुपट्टे में लपेटकर नहीं उठाया, तब तक कुत्ते वहीं खड़े रहे. बच्चे को पहले महेश गंज अस्पताल और फिर कृष्णानगर सदर अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि बच्चे के शरीर पर कोई चोट नहीं है, सिर्फ जन्म के समय के खून के धब्बे हैं. पुलिस का मानना है कि किसी स्थानीय निवासी ने ही बच्चे को यहां छोड़ा है. नबद्वीप पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल बच्चा बाल संरक्षण विभाग की देखरेख में है. स्थानीय लोगों ने हैरानी जताते हुए कहा कि ये वही कुत्ते हैं जो काम पर जाते समय उन पर हमला करते थे, लेकिन उन्होंने ही बच्चे की जान बचाई. पुलिस बच्चे के माता-पिता की तलाश कर रही है.

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