Nagaland Firing: घटनास्थल का मुआयना करेगा सेना का जांच दल, 4 दिसंबर को फायरिंग में मारे गए थे 14 लोग

4 दिसंबर को नागालैंड में (Nagaland Firing)  सुरक्षाबलों की फायरिंग में हुई 14 लोगों की मौत की जांच करने सेना की जांच टीम 29 दिसंबर से घटनास्थल पहुंची है। साथ ही लोगों के बयान भी लेगी। सेना को आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। हालांकि बाद में कहा गया कि जिस गाड़ी पर सेना ने फायरिंग की, उसमें मजदूर थे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2021 3:23 AM IST / Updated: Dec 29 2021, 08:54 AM IST

नई दिल्ली. 4 दिसंबर को नागालैंड में (Nagaland Firing)  सुरक्षाबलों की फायरिंग में हुई 14 लोगों (इसे कुछ मीडिया ने 17 भी कहा) की मौत की गुत्थी सुलझाने सेना की जांच टीम 29 नवंबर से घटनास्थल का मुआयना करेगी। इस दौरान स्थानीय लोगों के बयान भी लिए जा सकते हैं। सेना की जांच टीम मोन जिले के तिजिट पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करेगी। कोहिमा में PRO की तरफ से कहा गया कि घटना के संबंध में किसी के पास भी अगर कोई जानकारी, वीडियो या फोटोग्राफ्स आदि हों, तो वो सेना को उपलब्ध करा सकता है।

लोकल संस्थाओं ने की अपील
इस बीच नागालैंड की स्थानीय संस्थाओं ने सेना के अधिकारियों से कहा कि वे घटनास्थल पर सिविल ड्रेस में आएं। इसके अलावा अपने साथ हथियार नहीं लाएं। सेना का रविवार को कहा था कि इस मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। जांच जल्द पूरी होगी और कानून के हिसाब से एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने स्वत: संज्ञान(Suo Motu) लेते हुए 6 दिसंबर को 21 पैरा मिलिट्री के खिलाफ FIR दर्ज की थी। नागालैंड सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायत देने का ऐलान किया था। इधर,ओटिंग विलेज स्टूडेंट्स यूनियन (OVSU) सहित विभिन्न नागा संगठनों ने दावा किया कि 8 कोयला खनिक तिरु कोल माइन से एक पिकअप वैन में लौट रहे थे, जब उन्हें निशाना बनाया गया। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) ने प्रदेश में पांच दिनों के शोक का ऐलान किया था।

यह है मामला
असम में तैनात 21 पैरा टीम को खुफिया एजेंसियों ने सेना को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की सोम में मौजूदगी की सूचना दी थी। जैसा कि सेना की तरफ से कहा गया था कि खबर मिली थी कि 8 उग्रवादी एक बोलेरो गाड़ी में बैठकर जा रहे हैं। इस पर पैरा कमांडोज़ ने फायरिंग की, लेकिन उसमें मजदूर सवार थे। इनके पास एक बैरल-गन थी। इसे देखकर ही कमांडोज ने उन पर फायरिंग की।  6 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में इस घटना पर बयान दिया था। राज्यसभा में शाह ने बताया था कि सेना को मोन जिले के ओटिंग में उग्रवादियों के मूवमेंट की खुफिया सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में ऑपरेशन शुरू किया था।  

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