370 और 35A ने आतंकवाद, अलगाववाद और परिवारवाद के अलावा कुछ नहीं दिया- मोदी

मोदी ने कहा-  जो सपना सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल जी और करोड़ों लोगों ने देखा था वो पूरा हो गया। अब देश के सभी नागरिकों के हित और दायित्व समान हैं। मैं जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और प्रत्येक देशवासी को हृदय से बधाई देता हूं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2019 3:04 PM IST / Updated: Aug 08 2019, 09:06 PM IST

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर आपने, हमने पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे। जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से दूर हो गई है। मोदी ने आगे कहा-  जो सपना सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल जी और करोड़ों लोगों ने देखा था वो पूरा हो गया। अब देश के सभी नागरिकों के हित और दायित्व समान हैं। मैं जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और प्रत्येक देशवासी को हृदय से बधाई देता हूं। 

370 ने आतंकवाद और परिवारवाद के अलावा कुछ नहीं दिया...
- समाज जीवन में कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं, कि कई बार उन्हें स्थाई मान लिया जाता है। आर्टिकल 370 के साथ भी ऐसा ही हुआ। उसमें कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहनों और बच्चों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं हो रही थी। कोई ये भी नहीं बता पाता था कि धारा 370 और 35 ए से कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ? इस आर्टिकल ने लोगों को अलगाववाद, परिवारवाद, आतंकवाद के अलावा कुछ नहीं दिया। 

जम्मू-कश्मीर के नुकसान पर कोई बात नहीं कर रहा था...

उन्होंने कहा- कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों का मन में स्थायी भाव बन जाता है। भाव आ जाता है कि कुछ बचेगा ही नहीं। अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही हुआ। उसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। हैरानी की बात ये है कि आप किसी से भी बात करें तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ।

पाकिस्तान उठा रहा था 370 का फायदा...
पाकिस्तान इस धारा को एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल कर रहा था। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में 42 हजार निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। घाटी और लद्दाख का विकास उस गति से नहीं हो पाया, जिसका वो हकदार था। अब इन दोनों जगहों के लोगों का वर्तमान तो सुधरेगा, भविष्य भी संवर जाएगा। 
 

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