PM Modi Interview: ईस्ट-वेस्ट बंटवारे जैसे बयान पर PM मोदी की नेताओं को सीख, बचो ऐसी भाषा से..

Published : Apr 21, 2024, 10:00 PM IST
PM Modi on east west division

सार

PM मोदी ने हाल ही में Asiannet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कहा- कोई देश को बांटने जैसी बात कहता है तो उसे संबंधित राजनीतिक दल को गंभीरता से लेना चाहिए। पता नहीं कब कौन-सी ताकतें उसे खाद-पानी डाल वट वृक्ष बना देंगी।

लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा किसी चीज पर जोर दे रहे हैं तो वो है 'मोदी की गारंटी'। अपने 10 साल के कामकाज को लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asiannet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया।

पता नहीं कब, कौन-सी ताकतें छोटी बात को वटवृक्ष बना दें 

देश के राजनीतिक दल भारत के संविधान को समर्पित होने चाहिए और भारत का संविधान हम सबको देश की एकता और अखंडता का दायित्व देता है। अगर कोई देश को बांटने जैसी बात कहता है तो उसे उस राजनीतिक दल को बड़ी गंभीरता से लेना चाहिए। कभी-कभी लगता है कि कोई एकाध बार बोल गया, लेकिन ये जो बीज है ना पता नहीं कब कौन-सी ताकतें आकर उसको खाद-पानी डालकर वट वृक्ष बना देंगी।

स्वार्थ के लिए देश को बांटने जैसी भाषा से बचें

PM मोदी ने कहा- तात्कालिक स्वार्थ के लिए देश को बांटने जैसी भाषा से बचना चाहिए। क्योंकि ये देश को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाएंगी। मैं जब गुजरात में था, मेरे साथ बहुत से अन्याय होते थे केंद्र सरकार से। हर प्रकार के अन्याय हुए लेकिन मेरा एक ही मंत्र रहता था और पब्लिकली रहता था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास। हम सबको मिलकर इस देश को आगे बढ़ाना है। तो इसमें हमें कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहिए।

PM Modi with Asianet News: Watch Full Interview

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Delhi Pollution Emergency: खुले में कचरा जलाते पकड़े गए तो सीधे ₹5,000 फाइन-असली वजह क्या?
क्या नया CIC तय होने वाला है? पीएम मोदी और राहुल गांधी की मीटिंग पर क्यों टिकी देश की नजर?