संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा नहीं लेंगे। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस सत्र में शामिल नहीं होंगे।
नई दिल्ली। 18 सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र की शुरुआत होगी। इस सत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं होंगे। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर करेंगे। रूस से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन से उपराष्ट्रपति हान झेंग जाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में दो मुख्य मुद्दों (रूस-यूक्रेन युद्ध और ग्लोबल साउथ से संबंधित मुद्दे) पर बात होनी है। सत्र में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की हिस्सा लेंगे। वह 19 सितंबर को महासभा और 20 सितंबर को सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे। पिछले साल सितंबर में उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से अपनी बात रखी थी।
न्यूयॉर्क में होने वाले इस सत्र में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भाग लेंगे। हालांकि यूक्रेन और रूस के आमने-सामने होने की संभावना कम है। जेलेंस्की जब बोलेंगे तब लावरोव बाहर रहेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 26 सितंबर को सत्र में भाग लेंगे।
यूक्रेन जंग का मुद्दा रह सकता है हावी
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र के दौरान यूक्रेन और रूस को लेकर सबसे अधिक बहस किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर भी बात की जाएगी। पिछले साल के सत्र में भी रूस-यूक्रेन संघर्ष पर खूब बात हुई थी। इस बार ग्लोबल साउथ के राजनयिक उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी चिंता के मुद्दों को भी महत्व दिया जाएगा।
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19 सितंबर को भाषण देंगे जो बाइडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 19 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। बाइडेन के भाषण पर भारत की भी नजर रहेगी। आठ सितंबर को नई दिल्ली में जो बाइडेन और नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इसके बाद बाइडेन ने कहा था कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं। अब यह तो समय ही बताएगा कि वह इस मुद्दे पर बोलते हैं या नहीं।