National Herald: नेहरु ने आजादी से पहले शुरू किया अखबार, बीच में बंद भी हुआ; जानें 85 साल में क्या-क्या हुआ

नेशनल हेराल्ड केस में जांच एजेंसी ईडी ने सोमवार को राहुल गांधी से तीन घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान ईडी ने इस केस से जुड़े 50 से भी ज्यादा सवाल राहुल गांधी से किए। बता दें कि नेशनल हेराल्ड की शुरुआत आजादी से पहले जवाहरलाल नेहरू ने की थी। 

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में जांच एजेंसी ईडी ने राहुल गांधी से 3 घंटे तक पूछताछ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजेंसी के अधिकारियों ने राहुल गांधी से इस मामले में 50 से ज्यादा सवाल पूछे। बता दें कि इस मामले में ईडी सोनिया गांधी से 23 जून को पूछताछ करेगा। आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड मामला और क्यों ये इस वक्त इतनी चर्चा में है। आइए जानते हैं। 

कैसे हुई शुरुआत?
नेशनल हेराल्ड की शुरुआत आजादी से पहले यानी 20 नवंबर, 1937 को जवाहरलाल नेहरु ने की थी। उन्होंने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई। बाद में 9 सितंबर 1938 से इस कंपनी ने नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन शुरू किया। तब से अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ, जानते हैं। 

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1942 : ब्रिटिश सरकार ने 1942 से लेकर 1945 के बीच नेशनल हेराल्ड को बैन कर दिया था। 
1946 : जब इस अखबार से बैन हटा तो मनिकोंडा चलापति राव इसके संपादक बने। 1946 से 1978 तक वो नेशनल हेराल्ड के संपादक रहे। 
1978 : खुशवंत सिंह इस अखबार के संपादक बने। बाद में 1980 से लेकर 1982 तक सुभारत भट्टाचार्य नेशनल हेराल्ड के संपादक रहे। 
2002 : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को नेशनल हेराल्ड की मदर कंपनी (AJL) का चेयरमैन बनाया गया। 
2008 : अखबार की माली हालत खराब हो गई और इसे भारी नुकसान हुआ। बाद में इसका प्रकाशन ही बंद हो गया। 
2010 : कांग्रेस ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाई। इस कंपनी में 38-38% हिस्सेदारी सोनिया और राहुल गांधी की थी। इसके अलावा 24% हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज के पास थी। 
2011 : AJL की माली हालत खराब थी, जिसके लिए उसने लोन लिए। बाद में कांग्रेस ने इस कंपनी की 90 करोड़ की देनदारियां चुकाने का जिम्मा ले लिया। 
फरवरी, 2011 :  बाद में कांग्रेस ने AJL के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडिया' को दे दिए। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडिय को इस कंपनी के 99% शेयर मिल गए। बाद में कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इस तरह (AJL) पर राहुल-सोनिया गांधी की कंपनी 'यंग इंडिया' का कंट्रोल हो गया। 
नवंबर, 2012 : बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक कोर्ट में याचिका लगाई। इसमें कहा गया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने निजी कंपनी यंग इंडिया के जरिए AJLका टेकओवर कर धोखाधड़ी और 2 हजार करोड़ रुपए की जमीन हड़पने का काम किया है।
नवंबर, 2012 : इस पर कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि उसने खस्ताहाल हो चुकी AJL को नेशनल हेराल्ड अखबार दोबारा से चलाने के लिए लोन दिया था। 
2014 : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच शुरू की और 26 जून, 2014 को सोनिया और राहुल गांधी को समन भेजा। 
2015 : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा इस केस के अन्य आरोपियों मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई। 
2018 : दिल्ली हाईकोर्ट ने AJL को बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश जारी किया। 
2019 : दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ गांधी परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। बाद में अप्रैल, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी। 
जून, 2022 : प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया। सोनिया गांधी कोरोना के चलते हाजिर नहीं हुईं।
13 जून, 2022 : राहुल गांधी से ईडी ने 3 घंटे तक पूछताछ की, जिसमें इस केस से जुड़े 50 से ज्यादा सवाल पूछे।  

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