नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी के सवालों से प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) संतुष्ट नहीं है। उन्हें लगातार तीसरे दिन(15 जून) को ED दफ्तर में हाजिरी देनी पड़ रही है। इससे पहले 13 जून को 10 घंटे और फिर 14 जून को करीब 11 घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए गए थे। इस दौरान कांग्रेस नेता और कार्यकताओं का प्रदर्शन चलता रहा।
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस (National Herald money-laundering Case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) राहुल गांधी के जवाबों से संतुष्ट नहीं है। उन्हें तीसरे दिन (15 जून) फिर तलब किया गया है। इससे पहले 13 जून को 10 घंटे और फिर 14 जून को करीब 11 घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए गए थे। इस दौरान कांग्रेस नेता और कार्यकताओं का प्रदर्शन चलता रहा। पुलिस ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर 'झूठे' केस के जरिए गांधी परिवार को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। ( तस्वीर-दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी के खिलाफ अपनी जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के बाहर बुधवार, 15 जून, 2022 को विरोध प्रदर्शन किया)
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तीसरे दिन ये होता रहा
ये 8 साल का काला अध्याय है। इतिहास में इस 8 साल को अगर देखा जाएगा, तो ये काला अध्याय के रूप मे देखा जाएगा क्योंकि इसमें संवैधानिक धज्जियां उड़ रही है। लोकतंत्र खतरे में हैं और पूरे देशवासी बहुत दु:खी हैं और तनाव में हैं। अशोक गहलोत, राजस्थान के मुख्यमंत्री
पहली बार किसी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के कार्यालय नहीं जा सकते है और ये स्थिति बनी क्यों... क्योंकि पिछले 8 वर्ष से देश में जो हो रहा है, उसे एक व्यक्ति लगातार केंद्र सरकार की नाकामियों को सबके सामने रख रहा है वो है राहुल गांधी। हमसे कहा गया कि केवल दो मुख्यमंत्री ही आ सकते हैं और लोग नहीं आ सकते हैं। किस प्रकार से हम पार्टी कार्यालय में पहुंचे...ऐसी स्थिति पहले नहीं हुई थी। पूरे देश में जो हालात है वो सबके सामने हैं। तीन दिन से हमलोग दिल्ली में है और पहले दिन 200 लोगों को अनुमति दी गई। कल कुछ नेताओं को अनुमति दी गई और आज तो हद हो गई कि हम अपने स्टाफ को भी नहीं ला सकते हैं। लेकिन उन्हें ये बहुत महंगा पड़ेगा। आप कार्यकर्ता-नेता को कार्यालय में आने से प्रतिबंध लगाा रहे हैं। आप किसी को एक सीमा तक दबा सकते हैं उससे ऊपर नहीं। पूरा देश इस घटना को बेहद करीब से देख रहा है। देश के हर मुद्दे को राहुल गांधी ने उठाया है और इसलिए इन्हें परेशान किया जा रहा है। इनका (भाजपा) का जो राष्ट्रवाद है वो आयातित राष्ट्रवाद है। उस राष्ट्रवाद में जो भी विरोध में हो उसे दबा दिया जाए और कुचल दिया जाए... ये होता है। भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
यह रहा दो दिन का पूरा घटनाक्रम...
51 वर्षीय राहुल गांधी 14 जून को मध्य दिल्ली के एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय में अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पहुंचे थे। उनसे सुबह 11:30 बजे से पूछताछ शुरू हुई थी। करीब 4 घंटे के बाद के बाद राहुल गांधी ने करीब 3.30 बजे एक घंटे का ब्रेक लिया और घर चले गए। वह शाम करीब 4.30 बजे फिर से पूछताछ में शामिल हुए। गांधी रात करीब 11.30 बजे ईडी मुख्यालय से निकले। इससे पहले दिन राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय में एक धरने में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ शामिल हुए। वहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के सांसद भी मौजूद थे।
ईडी की कार्रवाई के खिलाफ दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश में कांग्रेस के सैकड़ों नेताओं और समर्थकों को 24, अकबर रोड और मध्य दिल्ली के आसपास पार्टी मुख्यालय के बाहर हिरासत में लिया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने मंगलवार को 15 सांसदों सहित 217 कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को धारा 144 के उल्लंघन और अनुमति न होने पर भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि बाद में सबको छोड़ दिया गया था।
क्या है नेशनल हेरार्ल्ड केस
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे ने घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़प लिया था। क्लिक करके पढ़िए पूरा मामला
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