कोरोना संक्रमण ने भारत से एक और बड़ा जमीनी नेता छीन लिया। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह गुरुवार को इस दुनिया से चले गए। 82 वर्षीय सिंह कई दिनों से संक्रमण से जूझ रहे थे। उनका गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। चाैधरी अजित के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दु:ख जताते हुए शोक संवेदना व्यक्त की है। पीएम ने स्वर्गीय अजित के बेटे जयंत चौधरी से बात करके उन्हें हौसला दिया।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत ने एक और बड़ा जमीनी नेता खो दिया। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह गुरुवार को इस दुनिया से चले गए। 82 वर्षीय सिंह कई दिनों से संक्रमण से जूझ रहे थे। उनका गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सिंह ने गुरुवार सुबह अंतिम सांस ली। संक्रमण ने उनके फेफड़ों को बुरी तरह खराब कर दिया था। संक्रमण के कारण उन्हें निमोनिया हो गया था। डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे थे, लेकिन दो दिनों से उनकी सेहत बिगड़ती जा रही थी। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
पीएम ने जताया दु:ख
चौधरी अजित सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दु:ख जताते हुए ट्वीट किया-पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति! मोदी ने अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी से फोन पर बात करके अपनी संवेदना जताई।
कई नेताओं ने शोक जताया
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा-मैं बहुत दु:खी हूं कि अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया।
लालू प्रसाद यादव ने कहा-राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी के निधन से दुखी हूं। वो गरीबों, मज़दूरों, ग्रामीणों और किसानों की बेहतरी को लेकर सदैव फ़िक्रमंद रहते थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा-राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी के दुःखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दे।
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कई बार केंद्रीय मंत्री रहे अजित सिंह जाट समुदाय के एक प्रभावशाली नेता माने जाते थे। यूपी में तो जैसे उनका दबदबा चलता था। हालांकि भाजपा के बढ़ते वर्चस्व के चलते और पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय लोकदल अपना जनाधार खोती जा रही थी। अजित सिंह बागपत से पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। उनके बेटे जयंत चौधरी भी मथुरा लोकसभा सीट से अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाए थे। पिछले कुछ सालों से अजित सिंह राजनीति में गुमनाम से हो गए थे। 12 फरवरी, 1939 को मेरठ में जन्मे अजित सिंह ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। डॉक्टरों के मुताबिक, मंगलवार रात उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। उनके बेटे जयंत ने ट़्वीट करके निधन की खबर दी। अजित सिंह 7 बार सांसद और केंद्रीय उड्डयन मंत्री भी रह चुके थे। वे 22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव निकले थे।
ऐसा रहा अजित सिंह का राजनीतिक सफर
अजित सिंह ने अपनी राजनीति शुरुआत 1986 में की थी। उस वक्त पिता चौधरी चरण सिंह बीमार थे। ऐसे में अजित सिंह को राज्यसभा भेजा गया। अजित सिंह 1987 से 88 तक लोकदल-ए और जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 1889 में जनता दल में विलय के बाद वे महासचिव बनाए गए। इसी वर्ष वे पहली बार बागपत से सांसद चुने गए। तब वीपी सरकार थी और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। 1991 में वे फिर सांसद बने और नरसिम्हाराव की सरकार में मंत्री बने। 96 में कांग्रेस से सांसद चुने गए। लेकिन वे लंबे समय तक कांग्रेस के साथ नहीं रहे। 1997 में राष्ट्रीय लोकदल की स्थापना की। इसी वर्ष फिर सांसद चुने गए। लेकिन 98 के चुनाव में उन्हें हार मिली। लेकिन अगले साल फिर हुए चुनाव में जीत गए। 2001-03 तक वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। फिर 2011 में यूपीए से जुड़ गए और 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे। 2014 और 2019 में मुजफ्फरनगर से वे चुनाव हार गए।
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