देश में जब भी आम चुनाव नजदीक आता है तो तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो जाती है। राहुल गांधी को मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद फिर एक बार विपक्ष एक छतरी के नीचे आता दिख रहा है।
Rahul Gandhi Defamation Case. देश में जब भी आम चुनाव नजदीक आता है तो तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो जाती है। राहुल गांधी को मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद फिर एक बार विपक्ष एक छतरी के नीचे आता दिख रहा है। अबकी बार विपक्षी दल ईवीएम को लेकर सवाल कर रहे हैं और उनका कहना है कि देश में ईवीएम के प्रति आम लोगों में अविश्वास पैदा हो गया है।
शरद पवार के घर हुई बैठक
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार फिर से एक्टिव हो गए हैं और वे राहुल गांधी के मानहानि मामले पर विपक्ष को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में उनके आवास पर बैठक की गई जिसमें कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। इस बैठक में दिग्विजय सिंह के अलावा कपिल सिब्बल, वामपंथी नेता डी राजा, सपा नेता रामगोपाल यादव, एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले जैसी नेता शामिल रहीं।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब भी ईवीएम में खराबी आती है वोट भारतीय जनता पार्टी को जाता है। ये भ्रम सिर्फ राजनैतिक दलों को नहीं है, ये भ्रम जनता में फैल चुका है इसलिए हमने फैसला किया है कि हम चुनाव आयोग के पास जाएंगे और हमारे सवालों के लिखित में जवाब मांगेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कानून के आधार पर किसी पर अटैक करने का एक नया रास्ता सोचा है लेकिन इससे उन्हीं लोगों को नुकसान होगा।
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा
कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह ने कहा कि रिमोट ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उस समय लगभग सभी ने रिमोट ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने पर असहमति जताई थी। वे डेमो देना चाहते थे, लेकिन वह भी ठुकरा दिया गया। दिग्गी राजा ने कहा कि देश के लोगों को इस पर शंका है।
तेजस्वी यादव का बयान
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि राहुल गांधी के साथ गलत हुआ है। यह एक्शन यह भी दिखाता है कि मोदी जी घबराए हुए हैं और वह 2024 के आमचुनाव के लिए तैयार नहीं है। इसलिए विपक्षी नेताओं के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जा रही है। यह कुछ दिन और रहेंगे तो लोकतंत्र, संविधान को खत्म कर देंगे।
बीजेपी ने किया अटैक
भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाओं से साफ हो रहा है कि वे देश की संस्थाओं का सम्मान नहीं करते हैं। उनके मन में संस्थानों के लिए बहुत कम सम्मान है। अगर फैसला किसी और के खिलाफ होता तो ये उसका स्वागत करते लेकिन आज ये न्यायपालिका पर उंगली उठा रहे हैं।
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