दिल्ली में राष्ट्रीय जनजाति रिसर्च इंस्टीट्यूट का गृहमंत्री ने किया उद्घाटन, जानिए इस शोध संस्थान की खासियत

NTRI inauguration by Amit Shah आदिवासी समुदायों की संस्कृति, इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिए सरकार स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को याद करने के लिए संग्रहालयों की स्थापना कर रही है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 7, 2022 5:10 PM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनजाति अनुसंधान संस्थान (NTRI) का उद्घाटन किया। आदिवासी विरासत और संस्कृति के प्रचार और संरक्षण के लिए स्थापित किया गया यह राष्ट्रीय संस्थान शैक्षणिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्रों में सभी आदिवासी चिंताओं, मुद्दों और मामलों का केंद्र भी होगा। शाह ने इस दौरान जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन (Home Minister Amit Shah inaugurated NTRI) किया गया। इस प्रदर्शनी में देश भर के 100 से अधिक आदिवासी कारीगर और आदिवासी नृत्य मंडल अपने स्वदेशी उत्पादों और प्रदर्शनों का प्रदर्शन कर रहे हैं।

जनजातीय समाज की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोएगा

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अमित शाह (Amit Shah) ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (NTRI) देशभर में चल रहे अन्य जनजातीय संस्थानों व जनजातीय समाज की विविधताओं को एक कड़ी में जोड़ने की पीएम मोदी की कल्पना को साकार करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के कल्याण और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ना प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि यह संस्थान जनजातीय समाज की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोकर उनके समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

 

जानिए राष्ट्रीय जनजाति अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) के बारे में...

राष्ट्रीय जनजाति अनुसंधान संस्थान प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों के साथ-साथ शैक्षणिक निकायों और संसाधन केंद्रों के साथ सहयोग और नेटवर्क करेगा। यह जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (Tribal FResearch Institutes), उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence), और एनएफएस के शोध विद्वानों की परियोजनाओं की निगरानी भी करेगा। इसके अलावा, यह अनुसंधान और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानदंड भी स्थापित करेगा।

एनटीआरआई का उद्देश्य विभिन्न राज्यों में स्थित जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का परामर्श और समर्थन करना और अनुसंधान कार्यों, मूल्यांकन अध्ययन, प्रशिक्षण और आदिवासियों के बीच जागरूकता पैदा करने में गुणवत्ता और एकरूपता सुनिश्चित करना है। यह समृद्ध आदिवासी विरासत को भी प्रदर्शित करेगा जिसमें भाषाएं, आवास, और खेती और उत्पादन प्रथाओं जैसे कपड़ा बुनाई आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली और भारतीय आदिम जाति सेवा संगठन (BAJSS) ने फरवरी 2022 में BAJSS को NTRI के संसाधन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

जनजातीय इतिहास को किया जा रहा संरक्षित

आदिवासी समुदायों की संस्कृति, इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिए सरकार स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को याद करने के लिए संग्रहालयों की स्थापना कर रही है। मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में 'रानी गैदिनलिउ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' की आधारशिला रखी जा चुकी है, जबकि भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय और पार्क का उद्घाटन पहले ही किया जा चुका है।

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