आतंकियों के लिए काल बना यह साल, 7 महीने में 150 आतंकी ढेर, 17 पाकिस्तानी भी शामिल

जम्मू कश्मीर में इस साल सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। अब तक घाटी में सुरक्षाबलों ने 7 महीने में 150 से ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए। पिछले साल की तुलना में यह बड़ी सफलता है। 2019 में 157 आतंकी मारे गए थे। इस साल जुलाई तक 17 पाकिस्तानी आतंकी भी मारे गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2020 4:16 AM IST / Updated: Aug 04 2020, 09:47 AM IST

नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में इस साल सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। अब तक घाटी में सुरक्षाबलों ने 7 महीने में 150 से ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए। पिछले साल की तुलना में यह बड़ी सफलता है। 2019 में 157 आतंकी मारे गए थे। इस साल जुलाई तक 17 पाकिस्तानी आतंकी भी मारे गए हैं। हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए पाकिस्तान के आतंकवादियों की संख्या में लगभग 50% की गिरावट आई है।

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी होने के बाद से आतंकी संगठन में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या में कमी आई है। 2020 में अब तक मारे गए आतंकियों में 88% स्थानीय हैं। वहीं, 2019 में यह आंकड़ा 79% था। 
 
2019 में 32 विदेशी आतंकी मारे गए थे
2019 में सुरक्षाबलों ने सीमापार से आए 32 आतंकियों को ढेर किया था। इनमें से 19 जैश ए मोहम्मद के थे। इस साल सुरक्षाबलों ने जिन आतंकियों को ढेर किया है, उनमें 17 पाकिस्तानी थे। इनमें से 7 जैश ए मोहम्मद के, 3 लश्कर ए तैयबा और एक हिजबुल का था। वहीं, 6 की अभी पहचान नहीं हो पाई है। घाटी में अभी 80-100 पाकिस्तानी आतंकियों के छिपे होने की खबर है। 

पाकिस्तान ने दी आतंकियों को सीख
सूत्रों ने बताया कि इस साल कम पाकिस्तानी आतंकियों की मौत के कई कारण हैं। इनमें से एक यह भी माना जाता है कि पाकिस्तान ने घाटी में अपने आतंकियों से जून के अंत तक कम गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कहा है। ताकि जो वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्टिंग की तलवार उसके सिर पर लटकी हुई थी। उससे बच सके। इस साल शायद ही कोई फिदायीन हमला या हो। 

कहां मारे गए कितने आतंकी?
पुलिस के डेटा के मुताबिक, इस साल जो आतंकी मारे गए हैं, उनमें से 15 उत्तर कश्मीर में मारे गए। जबकि 10 श्रीनगर में ढेर हुए। बाकी सभी दक्षिण कश्मीर में मारे गए। वहीं, पिछले साल 157 आतंकियों में से 41 उत्तरी कश्मीर में ढेर हुए थे। चार श्रीनगर में मारे गए थे। बाकी सभी दक्षिण कश्मीर में मारे गए थे। 

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