कैंडिडेट्स ने पेपर लीक के लिए 30-30 लाख रुपये की रकम दी थी। साल्वर गैंग्स से जुड़ाव के आरोप में ईओडब्ल्यू ने 9 कैंडिडेट्स को पूछताछ के लिए तलब किया है।
NEET Paper leak case: देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नीट पेपर लीक से इनकार के बीच एसआईटी और बिहार की ईओडब्ल्यू ने बड़ा खुलासा किया है। पेपर लीक की जांच कर रही एसआईटी ने गिरफ्तार 14 लोगों से पूछताछ के बाद यह दावा किया है कि नीट का पेपर लीक करने के लिए लाखों रुपये की लेनदेन हुई थी। कैंडिडेट्स ने पेपर लीक के लिए 30-30 लाख रुपये की रकम दी थी। साल्वर गैंग्स से जुड़ाव के आरोप में ईओडब्ल्यू ने 9 कैंडिडेट्स को पूछताछ के लिए तलब किया है।
पटना में सोमवार और मंगलवार को ईओडब्ल्यू करेगी पूछताछ
14 गिरफ्तार आरोपियों और संदिग्धों से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू ने 9 नीट कैंडिडेट्स से पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यह सभी बिहार के विभिन्न जिलों से हैं। बताया जा रहा है कि पेपर लीक होने के बाद उसे पाने के लिए 30-30 लाख रुपये कैंडिडेट्स से लिए गए थे। जांच कर रहे आर्थिक अपराध शाखा ने 13 कैंडिडेट्स के नंबर साल्वर गैंग्स से पूछताछ और जांच में पाया। इनमें से चार लोगों को पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। 9 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
जूनियर इंजीनियर के ऑफिस से सेफ हाउस तक होता रहा खेल लेकिन...
नीट पेपर लीक कराने वाले गिरोह में बिहार सरकार के एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि जेई के ऑफिस में ही सारा प्लान बना। ईओडब्ल्यू सूत्रों ने बताया कि जेई ने स्वीकार किया कि वह नीतीश और अमित आनंद से अपने आफिस में मुलाकात किए थे। वह लोग नीट अभ्यर्थियों के संपर्क में थे और पैसे की लेनदेन की डील हुई थी। जेई ने कथित तौर पर यह भी स्वीकार किया कि अभ्यर्थियों से पेपर लीक के लिए 30-30 लाख कम से कम लिए गए थे। फिर 4 मई को प्रश्नपत्र हासिल किया गया। सभी अभ्यर्थियों को पटना के रामकृष्ण नगर में एक सेफ हाउस में बुलाया गया।
बिहार शिक्षक भर्ती पेपर लीक में भी नीतीश और अमित रहे शामिल
पुलिस के अनुसार, केवल नीट पेपर लीक ही नहीं नीतीश कुमार और अमित आनंद, बिहार शिक्षक भर्ती पेपर लीक के भी आरोपी हैं। वह जेल भी इस मामले में जा चुके हैं। ईओडब्ल्यू को शक है कि बिहार के नालंदा के संजीव सिंह के नेतृत्व वाला ग्रुप ही नीट पेपर लीक में भी शामिल है।
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