क्या दोबारा होंगे NEET-UG के एग्जाम? केंद्र सरकार के विरोध के खिलाफ आज SC परीक्षार्थियों के याचिका पर करेगी सुनवाई

देश में हुए नीट एग्जाम पेपर लीक मामले में NEET-UG 2024 परिक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग की गई थी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

NEET UG 2024: देश में हुए नीट एग्जाम पेपर लीक मामले में NEET-UG 2024 परिक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग की गई थी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। NEET-UG 2024 एग्जाम को दोबारा से आयोजित करने को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) मना कर रही है।इस मामले में सोमवार (8 जुलाई) को कदाचार का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट कथित पेपर लीक से जुड़े याचिकाओं पर सुनवाई और जांच करेगा।  इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले 3 जजों का समूह जांच करेगा। इस समूह में CJI धनंजय वाई चंद्रचूड़ के साथ जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल रहेंगे।

पूरे भारत में MBBS, BDS और अन्य संबंधित ग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश के लिए NTA द्वारा 5 मई को परीक्षा का आयोजन किया गया था। हालांकि, इसके पेपर लीक हो गए थे, जिसके चलते विवाद पैदा हो गया था। एग्जाम में लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसको लेकर हजारों छात्रों ने हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन किया। बाद में मामले को बढ़ता देख केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए और मामला CBI को सौंप दिया था। इस कड़ी में बिहार से कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर पेपर लीक करने का आरोप लगा।

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केंद्र सरकार और NTA की मांग

इस साल  NEET-UG की परीक्षा 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेश में भी शामिल थे। इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे। हालांकि, रिजल्ट सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था, क्योंकि 67 उम्मीदवारों को पूरे 720 नंबर हासिल किए थे। जिनमें से 7 लोग एक ही एग्जाम सेंटर के थे। इस मामले में परीक्षार्थियों ने एग्जाम को दोबारा आयोजित करने की मांग की थी। 

हालांकि, बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर NEET-UG 2024 के दोबारा आयोजन का विरोध किया। सरकार ने तर्क दिया कि इस तरह के कदम से एकेडमिक कैलेंडर बाधित होगा और कदाचार के व्यापक सबूतों की कमी के कारण यह जरूरी नहीं है। इस रुख का समर्थन करते हुए, NEET आयोजित करने वाली NTA ने भी शीर्ष अदालत में अलग से एक हलफनामा दायर किया। इसमें तर्क दिया गया कि परीक्षा रद्द करने से मेधावी छात्रों के करियर की संभावनाओं को खतरे में डाल देगा। NTA ने इस बात पर जोर दिया कि विशिष्ट स्थानों पर इन कदाचारों में शामिल पहचाने जाने योग्य व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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