नई दिल्ली के नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Nehru Memorial Museum and Library ) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। केंद्र के इस कदम से कांग्रेस तिलमिला गई है।
BJP vs Congress. केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने कहा कि प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। पीएम मोदी ने साल 2016 में ही इसका विचार सामने रखा था और सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने को मंजूरी दी गई थी।
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदला
हाल ही में एक विशेष बैठक के दौरान दिल्ली के नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया। अब इस प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। इस मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह ने की, वे इस सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं।
2016 में पीएम मोदी ने दी थी मंजूरी
जानकारी के लिए बता दें कि 2016 में ही पीएम मोदी ने सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम स्थापित करने का विचार रखा था। यह परियोजना अब पूरी हो गई और बीते 21 अप्रैल 2022 को इसे जनता के लिए ओपन कर दिया गया। इस म्यूजियम को अपडेट किया गया है। यह नेहरू संग्रहालय भवन से शुरू होता है, जो पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान पर तकनीकी तौर से फोकस करता है।
केंद्र सरकार पर बरसी कांग्रेस पार्टी
केंद्र के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। बीते 59 वर्षों से यह म्यूजियम और लाइब्रेरी वैश्विक बौद्धिक स्थल और पुस्तकों, अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसायटी कहा जाएगा। जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी राष्ट्र के शिल्पकार के नाम और उनकी विरासत को विकृत करने और नष्ट करने का काम कर रहे हैं।
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