अब निजी अस्पतालों को भी CoWin के जरिये ही करना पड़ेगा वैक्सीन का ऑर्डर, सरकार ने बदली व्यवस्था

निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन को लेकर मिल रहीं शिकायतों और दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है। नए नियम के अनुसार अब निजी अस्पतालों को भी CoWin ऐप के जरिये ही वैक्सीन का ऑर्डर करना होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 3:59 AM IST / Updated: Jul 01 2021, 01:08 PM IST

नई दिल्ली. वैक्सीनेशन अभियान को और प्रभावी बनाने केंद्र सरकार ने एक नई व्यवस्था की है। इसके तहत अब निजी अस्पताल कंपनियों से सीधे वैक्सीन नहीं खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें CoWin ऐप के जरिये ही ऑर्डर करना होगा। इसके साथ ही सरकार वैक्सीन खरीदी की एक लिमिट भी तय कर रही है।

जितना खर्च, उससे दोगुनी वैक्सीन ऑर्डर कर सकेंगे
सरकार की ओर से जारी नए नियमों के अनुसार निजी अस्पतालों ने पिछले महीने के किसी हफ्ते में जितनी औसतन वैक्सीन लगाई होंगी, वो उससे दोगुनी वैक्सीन खरीद सकेंगे। औसत निकालने वो अपनी हिसाब से हफ्ता तय कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी औसतन रोज 40 लाख के करीब डोज लगाई जा रही हैं।

21 जून को सरकार ने अपने हाथ में लिया था वैक्सीनेशन कैम्पेन
देश में 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने की नई पालिसी 21 जून से शुरू हुई थी। वैक्सीनेशन अभियान को और अधिक प्रभावी और तेजी देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जून को पॉलिस में बदलाव का ऐलान किया था। वैक्सीन की जिम्मेदारी राज्यों से छीनकर केंद्र ने अपने हाथ में ले ली थी।

पहले 25 प्रतिशत तक ही अस्पतालों को दी जा सकती है
हालांकि पहले तय किया गया था वैक्सीन प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए और नई वैक्सीन और घरेलू वैक्सीन निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए वे सीधे तौर पर प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध करा सकती हैं। लेकिन वे अपने उत्पादन का 25% ही अस्पतालों को दे सकती हैं। राज्यों पर इसकी देखरेख की जिम्मेदारी होगी कि वे छोटे, बड़े और क्षेत्रीय स्तर पर अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध कराएं। लेकिन अब वैक्सीन का ऑर्डर CoWin ऐप के जरिये ही होगा।

गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने के लिए RBI की तरफ से अप्रूव्ड ई-वाउचर लाए जाएंगे। ये नॉन ट्रांसफेरेबल होंगे। यानी इस वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकेगा जिसके नाम पर यह इश्यू किया जाएगा। 

यह भी सुविधा दी गई
केंद्र से जो वैक्सीन राज्यों को मिलेगी, उसमें प्राथमिकता तय करना होगा। जैसे हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 साल से ऊपर के लोग। इसके बाद सेकंड डोज वाले लोग और इसके बाद 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन में प्राथमिकता दी जाएगी।

18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन शेड्यूल में प्रायरिटी राज्य सरकार खुद तय करेंगी।

कोरोना केसों की संख्या, वैक्सीन का इस्तेमाल और वेस्टेज को मद्देनजर रखते हुए ही केंद्र राज्यों को वैक्सीन सप्लाई करेगी। 
 
केंद्र सरकार राज्यों को पहले से बता देगी कि किस महीने में उन्हें वैक्सीन के कितने डोज मिलने वाले हैं, ताकि प्रायरिटी ग्रुप्स के वैक्सीनेशन से जुड़े इंतजाम किए जा सकें। इसी तरह से राज्यों को जिला स्तर पर यह जानकारी देनी होगी। 

वैक्सीन निर्माता ही अस्पतालों के लिए कीमत तय करेंगे। अस्पताल प्रति डोज पर 150 रुपए सर्विस चार्ज वसूल सकते हैं।

सभी नागरिकों को फ्री वैक्सीन का अधिकार है। लेकिन जो लोग इसका खर्चा उठा सकते हैं, वे प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन करा सकते हैं। 

इसके अलावा कोविन पर हर कोई वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके साथ ही प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। 

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