सार
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(SII) को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण(DCGI) ने एक झटका दिया है। उसे बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल की अनुमति नहीं दी है। तर्क दिया गया है कि अभी इस वैक्सीन को किसी भी देश ने मंजूरी नहीं दी है।
नई दिल्ली. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(SII) की उम्मीदें तोड़ दी हैं। सीरम ने बच्चों पर अपने टीके कोवोवैक्स के ट्रायल की अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली। DCGI ने तर्क दिया है कि अभी इस वैक्सीन को किसी भी देश ने मंजूरी नहीं दी है। सरकारी पैनल ने सीरम से कोवावैक्स का ट्रायल पहले वयस्कों पर पूरा करने को कहा है।
12-17 आयु वर्ग के बच्चों पर मांगी थी ट्रायल की अनुमति
सीरम ने 12-17 साल की आयु वर्ग के बच्चों पर कोवोवैक्स के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी थी। DCGI ने इस सिफारिश को नहीं माना।
अमेरिकी कंपनी के साथ मिलकर किया था करार
सीरम ने अगस्त, 2020 में अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स इंक के साथ मिलकर कोवावैक्स के निर्माण की घोषणा की थी। नोवावैक्स की इस वैक्सीन को भारत में कोवावैक्स नाम दिया गया। अगर इसे मंजूरी मिल जाती, तो यह सीरम की दूसरी कोविड 19 वैक्सीन होती।
जुलाई से शुरू होना था ट्रायल
सीरम ने हाल में ऐलान किया था कि कोवावैक्स का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल जुलाई से 920 बच्चों पर शुरू होगा। इस पहले पुणे स्थित इस कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया था कि कोवावैक्स के पहले बैच का उत्पादन शुरू हो गया है।
21 दिन गैप रखने की कही गई थी बात
सीरम ने कहा था कि इस वैक्सीन का ट्रायल 10 केंद्रों पर शुरू होना है। इसमें पुणे स्थित भारती हास्पिटल भी शामिल था। इस वैक्सीन के दो डोज में 21 दिनों का अंतर रखे जाने की बात कही गई थी। हालांकि DCGI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार देश में ट्रायल पूरा होने से पहले किसी भी वैक्सीन के दूसरे देशों के रिजल्ट के आधार पर ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है।
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