निर्भया के दोषी पवन गुप्ता के आवेदन पर दिल्ली कोर्ट ने मंडोली जेल से 8 अप्रैल तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। पवन गुप्ता ने एक आवेदन दिया था कि मंडोली जेल में 2 पुलिसवालों ने उसकी पिटाई की थी, जिसकी वजह से उसके सिर में गंभीर चोट आई।
नई दिल्ली. निर्भया के दोषी पवन गुप्ता के आवेदन पर दिल्ली कोर्ट ने मंडोली जेल से 8 अप्रैल तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। पवन गुप्ता ने एक आवेदन दिया था कि मंडोली जेल में 2 पुलिसवालों ने उसकी पिटाई की थी, जिसकी वजह से सिर से खून निकला। गंभीर चोट आई। इसलिए दोषी पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंक नायक ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का दूसरे मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इस आवेदन के कारण फांसी प्रभावित नहीं होगी।
20 मार्च को होनी है फांसी
निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चौथी बार डेथ वॉरंट जारी कर फांसी का दिन और वक्त तय किया। इससे पहले तीन बार डेथ वॉरंट जारी किया गया।
कब-कब जारी हुआ डेथ वॉरंट?
7 जनवरी को पहला डेथ वॉरंट जारी हुआ था, जिसके मुताबिक 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया। दूसरा डेथ वॉरंट 17 जनवरी को जारी हुआ, दूसरे डेथ वॉरंट के मुताबिक, 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश था। फिर 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली दी। तीसरा डेथ वॉरंट 17 फरवरी को जारी हुआ। इसके मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश दिया गया।
दोषी नंबर 1- पहले दोषी का नाम अक्षय ठाकुर है। यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
दोषी नंबर 2- दूसरे दोषी को नाम मुकेश सिंह है। यह बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
दोषी नंबर 3- तीसरा दोषी पवन गुप्ता है। पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।
दोषी नंबर 4- चौथा दोषी विनय शर्मा है। विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया।
13वें दिन निर्भया ने सिंगापुर में दम तोड़ दिया था
बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।