निर्भया के चारों दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने वाले जज सतीश कुमार अरोड़ा का ट्रांसफर कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्हें एक साल के लिए डेप्युटेशन पर सुप्रीम कोर्ट भेजा गया है।
नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने वाले जज सतीश कुमार अरोड़ा का ट्रांसफर कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्हें एक साल के लिए डेप्युटेशन पर सुप्रीम कोर्ट में एडिशनल रजिस्ट्रार के रूप में भेजा गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी किया था। डेथ वॉरंट के मुताबिक, दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
दोषियों को 1 फरवरी 2020 के दिन होगी फांसी?
डेथ वॉरंट के मुताबिक, निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है, लेकिन अभी तीन दोषियों के पास दया याचिका का विकल्प बचा है। अगर उन्होंने दया याचिका लगाई तो फांसी की तारीख टाली जा सकती है। क्योंकि दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज भी कर देता है तो दोषियों को 14 दिन का वक्त देना पड़ता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद ही 1 फरवरी को दोषियों को फांसी दी जाए।
निर्भया के कुल 6 दोषी थे, 4 को होनी है फांसी
निर्भया केस में कुल 6 दोषी थे, जिसमें से एक (मुख्य दोषी राम सिंह) ने जेल के अंदर ही आत्महत्या कर ली। एक को नाबालिग होने की वजह से 3 साल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया। अभी चार दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा दी गई है।
कोई फल विक्रेता तो कोई बस क्लीनर..ये हैं निर्भया के 4 दोषी
दोषी नं 1 : अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
दोषी नं 2 : मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
दोषी नं 3 : पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।
दोषी नं 4 : विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्या कांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।