वित्त मंत्री ने बताया, क्यों डूबा यस बैंक, कहा, 2017 से ही RBI इसपर नजर रखे हुए है, यह अचानक नहीं हुआ

देश का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक 'यस बैंक' नकदी से जूझ रहा है। खाताधारक परेशान हो रहे हैं। एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपए ही निकाल सकते हैं। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दिन में दो बार मीडिया के सामने आईं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2020 12:08 PM IST / Updated: Mar 06 2020, 06:45 PM IST

नई दिल्ली. देश का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक 'यस बैंक' नकदी से जूझ रहा है। खाताधारक परेशान हो रहे हैं। एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपए ही निकाल सकते हैं। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दिन में दो बार मीडिया के सामने आईं और यस बैंक पर सरकार की तैयारी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह सभी मामले 2014 से पहले के हैं, जिस समय यूपीए सत्ता में थी।

क्यों डूबा यस बैंक?
वित्त मंत्री ने कहा कि यह अचानक आया संकट नहीं है, बल्कि साल 2017 से ही इसपर निगरानी है। उन्होंने कहा, यस बैंक ने गलत लोगों को कर्ज दिया। सितंबर 2018 में बैंक ने इसके बोर्ड को बदलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि बैंक ने लोन बांटने में लापरवाही की। इसी कारण आज बैंक की यह हालत हुई।

"30 दिनों के अंदर री-स्ट्रक्चर किया जाएगा"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 30 दिनों के अंदर यस बैंक का री-स्ट्रक्चर किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक इसपर निगरानी रखे हुए है। 

"चेयरमैन ने भ्रष्टाचार भी किया"
वित्त मंत्री ने बताया कि यस बैंक के चेयरमैन ने भ्रष्टाचार किया। वे सीबीआई जांच के घेरे में भी आए थे। मार्च 2019 में नए सीईओ को नियुक्त किया गया।

- "यस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सेल, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल), इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल (आईएल एंड एफएस) और वोडाफोन जैसे रिस्क वाली कंपनियों को लोन दिया। जो बाद में डूब गया।"

- वित्त मंत्री ने कहा,"बैंक की जमा और देनदारियों को प्रभावित नहीं किया जाएगा। बैंक में काम करने वाले लोगों को एक साल के लिए रोजगार और वेतन का भी आश्वासन दिया।"

- उन्होंने कहा, "साल 2017 से आरबीआई (RBI) लगातार यस बैंक (Yes) की निगरानी और जांच कर रहा है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करती है कि खाताधारकों को खबराने की जरूरत नहीं है।

Share this article
click me!