समलैंगिकों का साथ रहना फैमिली नहीं....सेम सेक्स मैरिज का केंद्र सरकार ने किया विरोध

समलैंगिकों का साथ रहना फैमिली नहीं है। यह बात केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कही। दरअसल, हाईकोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर एक याचिका के जवाब में अपना पक्ष रखा। इस दौरान केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2021 7:10 AM IST

नई दिल्ली. समलैंगिकों का साथ रहना फैमिली नहीं है। यह बात केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कही। दरअसल, हाईकोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर एक याचिका के जवाब में अपना पक्ष रखा। इस दौरान केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया। 

केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सेम सेक्स के जोड़े का पार्टनर की तरह रहना और यौन संबंध बनाने की तुलना भारतीय परिवार से नहीं की जा सकती। 

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
कोर्ट में याचिका दायर कर हिंदू विवाह कानून और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने की मांग की गई थी। इसे लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गई थीं। इनमें से एक याचिका दो महिलाओं ने दायर की है, जो पिछले कई सालों से एक दूसरे के साथ रह रही हैं। 

केंद्र सरकार ने रखी अपनी बात
वहीं, इस मामले में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि शादी दो व्यक्तियों के निजी जीवन का मामला हो सकता है। इसका असर उनके निजी जीवन पर भी होता है। भारतीय परिवार से सेम सेक्स के लोगों का साथ रहना और संबंध बनाने से तुलना नहीं हो सकती। सरकार ने आगे कहा कि परिवार में ईकाई के तौर पर पति, पत्नी और बच्चे होता हैं। इसमें एक महिला और एक पुरुष होता, जिनके मिलन से संतान की उत्पत्ति होती है। 

Share this article
click me!