सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने नोएड में बने अवैध 40 मंजिला जुड़वा टॉवर (twin towers) को गिराने के आदेश दिए हैं। निवेशकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाना होगा।
नई दिल्ली. अवैध तरीके से बिल्डिंग्स तानने वाले बिल्डर्स के लिए ये अलर्ट होने वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध निर्माण करार देते हुए गिराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को आदेश दिए गए हैं कि 40 मंजिला जुड़वा टॉवर (twin towers) में फ्लैट खरीदने वाले 1000 निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाओं पर अपना यह फैसला सुनाया है।
तीन महीने में गिराने होंगे टॉवर
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विभिन्न याचिकाओं(Petitions) की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर की बड़ी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन twin टॉवर को गिराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इनके निर्माण में नियमों का घोर उल्लंघन मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अवैध निर्माण नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और सुपरटेक के बीच सांठगांठ का परिणाम है। इस अवैध निर्माण को तीन महीने के अंदर गिराने के आदेश दिए गए हैं।
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फ्लैट खरीदने वालों को लौटा होना 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पूरा पैसा
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर को आदेश दिया कि वो 1000 फ्लैट खरीदारों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाए। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर 11 अप्रैल, 2014 को अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को तमाम याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के खरीदारों को स्वीकृत योजना दिलाने में बिल्डर नाकाम रहा। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए कहा कि ये भ्रष्टाचार में डूबे हैं।