CAA विरोध: दिल्ली दंगे की आरोपी नताशा, देवांगना और आसिफ को बेल के बाद जेल से रिहा किया गया

नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के विरोध में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 15 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय के जमानत आदेश के बाद पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा करने का आदेश दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2021 8:02 AM IST / Updated: Jun 17 2021, 01:48 PM IST

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान फरवरी, 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा की आरोपी नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल तन्हा और देवांगना कालिता को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश पर आज जेल से रिहा कर दिया गया। इन पर UAPA लगाया गया है।

हिंसा भड़काने का है आरोप
24 फरवरी, 2020 को संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में दो गुटों में जबर्दस्त हिंसा हुई थी। इसमें एक गुट CAA के समर्थन में था, जबकि दूसरा विरोध में। हिंसा भड़काने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को पिंजड़ा तोड़ मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को 50000 रुपए के निजी मुचलके पर तीन हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। उनके वकील ने पिता की मौत के आधार पर जमानत मांगी थी। नताशा के पिता महावीर नरवाल का कोरोना के चलते निधन हो गया था।

दो अन्य अरोपियों को भी जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने नताशा के अलावा आसिफ इकबाल तन्हा और देवांगना कालिता को भी जमानत दे दी है। इन पर  पर  गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention Act-UAPA)  लगाया है।

लंबे समय से न्यायिक हिरासत में थे
दिल्ली की साम्प्रदायिक हिंसा में 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में खालिद, इशरत जहां, ताहिर हुसैन, मीरान हैदर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तन्हा और शिफा उर रहमान आरोपी हैं। ये इस समय न्यायिक हिरासत में थे।

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