नागरिकता कानून के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखने को मिले। यहां हिंसा में 15 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। अब प्रशासन ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कार्रवाई तेज कर दी है।
लखनऊ. नागरिकता कानून के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखने को मिले। यहां हिंसा में 15 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। अब प्रशासन ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने 6 जिलों में 300 प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी कर हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई करने को कहा है।
प्रशासन ने 50 लाख की संपत्ति के नुकसान का नोटिस जारी किया है। वहीं, कानपुर, फिरोजाबाद और मऊ में प्रदर्शनकारियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस सीसीटीवी और वीडियो फुटेज से संदिग्धों की पहचान कर रही है।
सबसे ज्यादा नुकसान बिजनौर में
प्रशासन ने बिजनौर में सबसे ज्यादा 19.7 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। यहां 43 प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी कर नुकसान पूरा करने को कहा गया है। पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में 146 को गिरफ्तार किया है।
वहीं, मेरठ में हिंसा के लिए प्रशासन ने 141 लोगों को नोटिस जारी किया है। यहां 14 लाख रुपए का नुकसान बताया गया है। संभल में 15 लाख रुपए के नुकसान का 26 लोगों को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा रामपुर, मऊ और फिरोजाबाद में भी नोटिस जारी किए गए हैं।
288 पुलिसकर्मी हुए जख्मी
उत्तर प्रदेश में पिछले हफ्ते नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बताया, हिंसा में पुलिस को काफी नुकसान हुआ है। अभी तक राज्य के 21 जिलों में हुई हिंसा में 288 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। जबकि 62 फायरिंग में जख्मी हुए हैं। पुलिस को हिंसा की जगहों से 500 से ज्यादा अवैध हथियार भी मिले हैं।