अब आतंकियों की खैर नहीं : लोकसभा में पास हुआ यूएपीए बिल, शाह बोले- अर्बन नक्सलवाद से समझौता नहीं

लोकसभा में बुधवार को गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन विधेयक (यूएपीए) पास हो गया। इस बिल में संशोधन को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए,  जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। 

नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन विधेयक (यूएपीए) पास हो गया। इस बिल में संशोधन को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए,  जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- ''आज समय की मांग है कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून बनाया जाए। शाह ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ यह कानून इंदिरा गांधी लेकर आईं थीं, हम तो बस छोटा-सा संशोधन कर रहे हैं। 

क्या है UAPA कानून
यह कानून 1967 में इंदिरा गांधी सरकार के समय बना था। इसका उद्देश्य देश के अंदर चल रही गैरकानूनी गतिविधियों और संगठनों को रोकना है। यह कानून कुछ संवैधानिक अधिकारों पर जरूरी प्रतिबंध लगाता है,  जिसमें अभिव्यक्ति की आजादी, शांतिपूर्ण और हथियारों के बिना इकट्ठे होने का अधिकार और एसोसिएशन या यूनियन बनाने का अधिकार शामिल है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कानून है। 

तीन बार हुए संशोधन...
2004, 2008 और 2013 में इस कानून में संशोधन किए गए। 2004 के संशोधन में इस कानून में आतंकवाद अधिनियम 2002 से कई प्रावधानों को शामिल किया गया। इसी कानून के तहत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पर प्रतिबंध लगाया गया। अब बीजेपी सरकार इस कानून को और मजबूत बनाने के लिए संशोधन विधेयक 2019 लाई है, जिसे लोकसभा में पास कर दिया गया है। इसमें एनआईए के महानिदेशक को संपत्ति की कुर्की का अनुमोदन मंजूर करने के लिये सशक्त बनाने के लिए प्रावधान हैं। यह उस वक्त लागू होगा जब जांच उक्त एजेंसी द्वारा की जाती है। केंद्र सरकार को प्रस्तावित चौथी अनुसूची से किसी आतंकवादी विशेष का नाम जोड़ने या हटाने के लिये और उससे संबंधित अन्य परिणामिक संशोधनों के लिये सशक्त बनाने हेतु अधिनियम की धारा 35 का संशोधन करना है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के निरीक्षक के दर्जे के किसी अधिकारी को अध्याय 4 और अध्याय 6 के अधीन अपराधों की जांच पड़ताल करने के लिये सशक्त बनाया गया है।

शहरी नक्सलवाद से समझौता नहीं...
शाह ने कहा, ''गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और उनके मददगारों को आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रावधान है। अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल और यूरोपियन यूनियन में भी है। अब हमने भी इसके लिए संशोधित विधेयक में प्रावधान किए हैं। हमने इस बात का भी ध्यान रखा है कि कोई कानून का दुरुपयोग न कर पाए। भाजपा सरकार शहरी नक्सलवाद के खिलाफ है। शहरी नक्सलवाद या जो विचारधारा के नाम पर गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, ऐसे लोगों के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।''
शाह ने कहा- जो देश के लिए सामाजिक हित में काम कर रहे हैं, ऐसे बहुत लोग हैं। लेकिन जो अर्बन माओवाद के लिए काम कर रहे हैं, उनके लिए हमारे दिल में बिल्कुल संवेदना नहीं है।'' 

कोई कब आतंकी घोषित होगा, इसका प्रावधान भी बिल में... 
शाह ने कहा- किसी व्यक्ति को कब आतंकी घोषित किया जाएगा, इस बात का प्रावधान बिल में है। आतंकवाद बंदूक से नहीं बल्कि प्रचार और उन्माद से पैदा होता है। ऐसा करने वालों को आतंकी घोषित करने में किसी को आपत्ति क्यों हो रही है। सरकार इसके जरिए किसी भी कम्प्यूटर में घुस जाएगी। शाह ने कहा- अगर आतंकवाद से जुड़ा काम करोगे तो पुलिस आपके कम्प्यूटर में जरूर घुसेगी।

संगठन बैन करने से कुछ नहीं होगा...
अमित शाह ने कहा कि किसी आतंकी संगठन को बैन करने से कुछ नहीं होगा। अगर संगठन बैन करोगे तो दूसरा संगठन बना लेंगे। इस वजह से आतंकी घोषित करने का प्रावधान लाना जरूरी है।   

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की केजरीवाल सरकार के खिलाफ चार्जशीट
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025