ओडिशा सरकार ने गरीबी हटाने के लिए यह निर्णय, सरकार का दावा- बीमारू राज्य नहीं रहा उड़ीसा

गरीबी हटाने के लिए ओडिशा सरकार ने पांच ‘टी’ पहल के तहत नोबेल पुरस्कार विजेताओं संग काम करने का निर्णय लिया है। ओडिशा सरकार को विकास के परिणामों में सुधार लाने के लिए साक्ष्य समर्थित कार्यक्रम को तेज करने में तकनीकी सहायता लेने का निर्णय लिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2019 1:18 PM IST

भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में गरीबी हटाने के कार्यक्रमों में सफलता हासिल करने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेताओं अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो के संगठन के साथ साझेदारी की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पांच ‘टी’ पहल के तहत यह कदम उठाया गया है। राज्य ने टीमवर्क-दलगतभावना, टेक्नॉलोजी-प्रौद्योगिकी, ट्रांसपैरेंसी- पारदर्शिता , टाईम-समय और फिर ट्रांसफॉरमेशन- बदलाव को अपनी नीति के रूप में अपनाया है।

जे-पीएएल संग हुआ करार

राज्य सरकार ने नीति निर्माण के प्रति रणनीतिक साक्ष्य आधारित पहल के लिए गुरुवार को अब्दुल लतीफ जामील पॉर्वटी एक्शन लैब (जे-पीएएल) के साथ करार किया। इस करार पर साईन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ पांच ‘टी’ पहल के तहत राज्य सरकार ने जे-पीएएल के साथ करार किया है। इसका संबंध हमारे राज्य के विभिन्न मूल क्षेत्रों में विकास और कल्याण से है।’’

विकास के परिणाम में आएगा सुधार

एक अधिकारी ने कहा कि इस साझेदारी का लक्ष्य नीति निर्माण में शोध आधारित दखल के मार्फत लोगों के जीवन में बदलाव लाना है। इस संयुक्त प्रयास के तहत जे-पीएएल ओडिशा सरकार को विकास के परिणामों में सुधार लाने के लिए साक्ष्य समर्थित कार्यक्रम को तेज करने में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। 

बीमारू राज्य नहीं रहा उड़ीसा

2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता व जे-पीएएल के सह संस्थापकों अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो तथा जे-पीएएल से संबद्ध माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से सहयोग देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि ओडिशा अब कोई ‘बीमारू’ राज्य नहीं रहा, उसने विभिन्न क्षेत्रों में संतोषजनक प्रगति की है।

Share this article
click me!