ओडिशा के हेल्थ मिनिस्टर को गोली मारने वाले ASI को है चौंकाने वाला मेंटल ऑर्डर, गुस्से पर नहीं रहता काबू, चौंकाने वाले खुलासे

Published : Jan 30, 2023, 07:39 AM ISTUpdated : Jan 30, 2023, 09:50 AM IST
Odisha Health Minister Nab Kumar Das murder

सार

ओडिशा के हेल्थ मिनिस्टर नब किशोर दास की सरेआम हत्या ने पुलिस प्रशासन पर ही सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। उन्हें 29 जनवरी की दोपहर 1 बजे झाड़सुगड़ा के ब्रजराजनगर में एक ASI ने गोली मार दी थी। कहा जा रहा है कि किलर को बाइपोलर डिसऑर्डर हैं।

भुवनेश्वर(Bhubaneswar). ओडिशा सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास(Naba Kishore Das murder) की सरेआम हत्या ने पुलिस प्रशासन पर ही सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। उन्हें 29 जनवरी की दोपहर 1 बजे झाड़सुगड़ा के ब्रजराजनगर में एक ASI ने गोली मार दी थी। कहा जा रहा है कि किलर मानसिक बीमार है। मनोचिकित्सक उसे बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार बता रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब उसे मेंटल प्रॉब्लम थी, तो उसे फील्ड ड्यूटी क्यों दी गई? पढ़िए नब दास हत्याकांड से जुड़े चौंकाने वाले फैक्ट्स…

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1. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास(Odisha Health Minister Naba Kishore Das murder) की झारसुगुडा में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपालकृष्ण दास को बाइपोलर डिसऑर्डर(bipolar disorder) से पीड़ित बता रहे हैं। उसका एक मनोचिकित्सक(psychiatrist) के पास इलाज चल रहा है।

2.मानसिक विकार(mental disorder) के उसके इतिहास के बावजूद कैसे गोपाल दास को सर्विस रिवाल्वर इश्यू कर दिया गया? कैसे उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी बना दिया गया, जहां उसने नब दास की गोली मारकर हत्या कर दी? ऐसे कई सवाल अब पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी बन सकते हैं।

3.एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बेरहामपुर, मनोरोग विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने संवाददाताओं को बताया कि दास बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित है।

4. डॉ. चंद्रशेखर के अनुसार, “गोपाल दास लगभग 8- 10 साल पहले पहली बार मेरे क्लीनिक पर आया था। वह बहुत आसानी से गुस्सा हो जाता था। उसका इलाज चल रहा था। ”

5. डॉ. चंद्रशेखर ने कहा-“मुझे यकीन नहीं है कि वह नियमित रूप से दवाएं ले रहा था या नहीं। यदि दवा नियमित रूप से नहीं ली जाती है, तो रोग फिर से प्रकट हो जाता है। एक साल हो गया है, जब वह मुझसे आखिरी बार मिला था।”

6. एक्सपर्ट के अनुसार, बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जो अत्यधिक मिजाज(extreme mood) की वजह बनती है, जो हाइपर-मेनिया से लेकर डिप्रेशन तक होती है। हालांकि, काउंसिलिंग सहित ट्रीटमेंट द्वारा रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।

7.गोपाल दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है। उसने बेरहामपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था। 12 साल पहले झारसुगुड़ा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था।

8.झारसुगड़ा एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई ने कहा कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक में एक पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी।

9. गोपाल दास की पत्नी जयंती का दावा है कि उनका पति मानसिक विकार की दवा लेता था। हालांकि उसने कहा-"वह हमसे लगभग 400 किमी दूर रहता है, मैं यह नहीं कह सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नहीं।"

10. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दास को रविवार को मंत्री नब दास के दौरे के लिए लॉ एंड ऑर्डर संभालने तैनात किया गया था। मंत्री पर गोली चलाने से पहले दास ने अपनी मोटरसाइकिल उस जगह से लगभग 50 मीटर दूर रखी थी, जहां उसने दास पर हमला किया था।

11. बता दें कि बाइपोलर डिसऑर्डर, जिसे पहले उन्मत्त अवसाद(manic depression) कहा जाता था, एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है। जब कोई उदास हो जाता है, तो वह निराशा महसूस करने लगता है। अधिकांश गतिविधियों में उसकी रुचि कम हो जाती है या रुखापन आ जाता है। गुस्सा भी जल्द आता है।

12.एएसआई की पत्नी जयंती दास ने दावा किया कि उन्हें इस घटना के बारे में टीवी चैनलों से पता चला। उसने कहा-“मेरे पति पिछले डेढ़ साल से गांधी चौक में तैनात थे। मुझे नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया।”

 13. गाेपाल दास की पत्नी ने कहा कि सुबह वीडियो कॉल पर अपनी बेटी से और बीती रात अपने बेटे से बात की थी। कॉल के दौरान उसके पति बिल्कुल सामान्य लग रहे थे। जयंती ने कहा-“वो एक सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे थे। उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।"

14. पुलिस वाले के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे दास के कृत्य से शॉक्ड और सरप्राइज हैं।

15. दूसरी ओर, आईजी पुलिस (उत्तरी रेंज) दीपक कुमार ने कहा कि दास को झारसुगुड़ा पुलिस ने हिरासत में लिया था और मामले की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है। अपराध के पीछे के मकसद का पता लगाया जाना बाकी है।

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