
Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र खत्म होने को है। इससे पहले बुधवार को लोकसभा से ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) पास हो गया। विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा किया, लेकिन सरकार बिल पास कराने में सफल रही। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए लाया गया है। इसपर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं। इससे ई-स्पोर्ट्स उद्योग खुश है, लेकिन अरबों डॉलर के रियल मनी गेमिंग बाजार में चिंता की लहर दौड़ गई है। नए बिल के कानून बनने के बाद ऑनलाइन जुआ बैन हो जाएगा। ऐसा करने और इसके लिए प्रचार करने वालों को जेल और जुर्माना की सजा मिलेगी।
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पास होने के बाद विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी गुरुवार तक के लिए स्थगित की गई है। इस विधेयक में चार प्रमुख क्षेत्रों की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियामक निकाय के गठन का प्रस्ताव है: ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक खेल, सोशल गेमिंग और असली पैसे वाले गेमिंग। इनमें से असली पैसे वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म- जैसे पोकर और फैंटेसी स्पोर्ट्स को सबसे ज्यादा झटका लगा है।
नए विधेयक में ऑनलाइन जुआ पर रोक का प्रावधान है। ऐसा करने पर सजा मिलेगी। नए विधेयक के "निषेध" वाले हिस्से में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम और ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा की पेशकश, सहायता और प्रोत्साहन में शामिल नहीं होगा। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे प्लेटफॉर्म के लिए लेनदेन प्रोसेस करने से रोका गया है।
नए बिल के कानून बनने के बाद असली पैसे वाले गेम की पेशकश करने वाले सर्विस प्रोवाइडर को 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। ऐसे प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने पर दो साल तक की जेल या 50 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
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नए विधेयक के कानून बनने से क्रिकेट जगत प्रभावित होगा। पिछले कुछ सालों में क्रिकेट से जुड़े असली पैसे वाले गेमिंग स्पॉन्सरशिप में उछाल देखा गया है। ड्रीम 11 टीम इंडिया को स्पॉन्सर करता है। इसके लिए लगभग 358 करोड़ रुपए भुगतान करता है। वहीं, My11Circle के पास 5 साल के लिए 625 करोड़ रुपए के आईपीएल फैंटेसी अधिकार हैं। कई प्रमुख क्रिकेटरों ने भी इन कंपनियों के साथ व्यक्तिगत विज्ञापन समझौते किए हैं।