भारत में लोगों के लिए अगस्त और सितंबर आम तौर पर यात्रा की बुकिंग के महीने हैं। इस दौरान देश के ज्यादातर लोग अक्टूबर-नवंबर में पड़ने वाले दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली और छठ त्योहारों में अपने घर जाने या छुट्टियों के लिए योजना बनाते हैं। हालांकि, तेजी से फैल रहे कोरोना, लॉकडाउन, अनलॉक और लोगों के बीच बहुत अधिक सावधानी बरतने की वजह से यह साल अलग लग रहा है।
नई दिल्ली. भारत में लोगों के लिए अगस्त और सितंबर आम तौर पर यात्रा की बुकिंग के महीने हैं। इस दौरान देश के ज्यादातर लोग अक्टूबर-नवंबर में पड़ने वाले दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली और छठ त्योहारों में अपने घर जाने या छुट्टियों के लिए योजना बनाते हैं। हालांकि, तेजी से फैल रहे कोरोना, लॉकडाउन, अनलॉक और लोगों के बीच बहुत अधिक सावधानी बरतने की वजह से यह साल अलग लग रहा है। भारत में 4 सितंबर को 40 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। यहां हर रोज 90 हजार केस मिल रहे हैं।
हालांकि, भारत में घरेलू विमान और आंशिक तौर पर रेल सेवा को जून में शुरू कर दिया गया। इस दौरान 10 गुना से अधिक केस देखने को मिले। 1 सितंबर से अनलॉक 4.0 लागू हो गया, ज्यादातर राज्यों ने क्वारंटीन संबंधित नियमों को भी खत्म कर दिया। वहीं, कई लोग अभी भी यात्रा के लिए ज्यादा सतर्क और अनिच्छुक बने हुए हैं।
कोरोना में त्योहारों के लिए क्या प्लान बना रहे लोग?
LocalCircles ने एक सर्वे किया है, यह जानने के लिए कि कैसे आने वाले त्योहारी सीजन में लोग कोरोना को देखते हुए यात्रा की योजना बना रहे हैं। यह सर्वे भारत के 239 जिलों के 25,000 लोगों पर किया गया।
सवाल- अक्टूबर-नवंबर में त्योहारों पर किस तरह की यात्रा करना पसंद करेंगे लोग?
इस सवाल के जवाब में 69% लोगों ने कहा कि वे यात्रा नहीं करेंगे। वे घर पर ही सुरक्षित रहेंगे। वहीं, 3% लोगों ने कहा कि वे हॉलिडे डेस्टिनेशन पर जाएंगे। 13% लोगों का कहना है कि वे अपने परिवार और दोस्तों से मिलने जाएंगे। जबकि 3% का कहना है कि वे ये दोनों चीजें करेंगे। जबकि 12% लोगों ने कहा कि वे अभी तय नहीं किया कि वे क्या करेंगे।
source- LocalCircles
इस सर्वे से साफ होता है कि सिर्फ 19% लोग ही त्योहारी सीजन पर यात्रा का मन रहे हैं। कोरोना के चलते बहुत से लोग या तो अपने घरों में रह गए हैं या पिछले 6 महीनों से घर से काम कर रहे हैं और बाहर निकलने और यात्रा करने के लिए बेताब हैं। लेकिन कोरोना के डर से वे बाहर निकलने से डर रहे हैं।
सवाल- किससे यात्रा करने के पक्ष में हैं लोग?
इस सवाल के जवाब में कहा, 23% लोगों ने कहा कि वे फ्लाइट, 6% ट्रेन और 38% लोग रोड के रास्ते कार या टैक्सी से यात्रा करने के पक्ष में हैं। 18% ने कहा कि वे एक ही या अलग-अलग यात्राओं में कई साधन का इस्तेमाल करेंगे। वहीं, 15% लोगों ने यह अभी तय नहीं किया कि वे किससे यात्रा करेंगे।
source- LocalCircles
कार-टैक्सी पर भरोसा जता रहे लोग
कोरोना को देखते हुए यह समझ आ रहा है कि लोग यात्रा के लिए कार या टैक्सी का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। सरकार ने 30 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा रखी है। वहीं, कई राज्यों ने कोरोना को देखते हुए दूसरे राज्यों से सीमित उड़ानें ही शुरू कर रखी हैं।
हालांकि, वंदे भारत मिशन के तहत और यूएसए, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, यूके, अन्य यूरोपीय और खाड़ी देशों से एयर-बबल के तहत उड़ान का संचालन जारी है।
सवाल- कितने लोगों ने पहले से की बुकिंग ?
इस सवाल के जवाब में 69% लोगों ने कहा कि वे तारीख के नजदीक आने के बाद ही बुकिंग करेंगे। वहीं, 16% लोगों ने कहा कि जल्द ही बुकिंग करेंगे। जबकि 16% लोगों ने यह अभी तय नहीं किया।
source- LocalCircles
भारत में 120 दिन पहले होती है बुकिंग
भारत में ट्रेन बुकिंग आम तौर पर 120 दिन पहले खोल दी जाती है। लेकिन देश में COVID-19 की स्थिति को देखते हुए और हर दिन 90,000 के करीब मामले दर्ज किए जा रहे हैं, ऐसे में बहुत से लोग अपने घरों में रहना चाहते हैं और जितना संभव हो सके यात्रा से बचते दिख रहे हैं।
अधिकांश राज्यों ने प्रतिबंधों को समाप्त कर पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं। लोगों का मानना है कि परिवार के साथ कार या टैक्सी से यात्रा करना, फ्लाइट या ट्रेन की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
कार-टैक्सी की बढ़ सकती है मांग
सर्वे के आधार पर, सड़क परिवहन क्षेत्र में सेवाएं देने वाले लोग त्योहार में मांग को देखते हुए क्षमता बढ़ाना चाहते हैं। वहीं, ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल्स भी किराए की कारों और टैक्सी सेवाओं की उपलब्धता पर विचार कर सकते हैं। जबकि एयरलाइंस और भारतीय रेलवे को अपनी क्षमताएं या सेवाएं बढ़ाने के लिए कोरोना को देखते हुए सावधानी की आवश्यकता हो सकती है।
कैसे हुआ सर्वे?
इस सर्वे में भारत के 239 जिलों से 25000 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें से 66% पुरुष और 34% महिलाएं हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले लोगों में 61% टियर 1, 28% लोग टियर 2 और 11% लोग टियर 3-4 शहरों और ग्रामीण इलाकों के हैं। यह सर्वे LocalCircles प्लेटफॉर्म पर किया गया। इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों ने LocalCircles पर रजिस्टर्ड किया हुआ है।