सूत्रों की मानें तो भाजपा ने महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया है और कांग्रेस, शिवसेना व NCP के पुराने नेताओं को ही विधायकों का समर्थन हासिल करने की जिम्मेदारी दी गई है।
मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता का खेल चालू है। हर पार्टी राज्य में अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। देवेन्द्र फड़णवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, उधर NCP , कांग्रेस और शिवसेना बहुमत का दावा कर रहे हैं। इसके बाद फ्लोर टेस्ट से पहले सभी पार्टियों को विधायकों की खरीद फरोख्त का डर सता रहा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा ने महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया है और कांग्रेस, शिवसेना व NCP के पुराने नेताओं को ही विधायकों का समर्थन हासिल करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बीजेपी ने नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पचपुते को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुमत जुटाने की जिम्मेदारी दी है। ये सभी नेता भाजपा में शामिल होने से पहले शिवसेना, NCP या कांग्रेस में रह चुके हैं। राज्यसभा सांसद राणे बीजेपी में शामिल होने के पहले शिवसेना में थे और उससे भी पहले वो कांग्रेस का हिस्सा थे। 1999 की शिवसेना सरकार में मुख्यमंत्री रहे राणे की उद्धव से कभी नहीं पटी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से भी राणे की नहीं बनती थी। इसके बावजूद राणे की दोनों दलों में अच्छी पकड़ है। राणे खुद स्वीकार करते हैं कि महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण और उद्धव ठाकरे के अलावा सभी उनके अच्छे दोस्त हैं। 2005 में शिवसेना छोड़ने के बाद राणे कांग्रेस में शामिल हुए और वहां से निकलने के बाद महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम से अपनी खुद की पार्टी बना ली। राणे की यही पैठ अब भाजपा के काम आ सकती है।
क्या कमाल कर पाएंगे राणे
नारायण राणे ने ही सबसे पहले सरकार बनाने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार बनाने के लिए जो भी करना होगा करेंगे। मुझे साम, दाम, दंड, भेद सब शिवसेना ने ही सिखाया है। फड़णवीस के शपथ लेने के बाद अब राणे को विधायकों का समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। राणे लंबे समय से भाजपा में आने की कोशिश कर रहे थे, पर शिवसेना के साथ गठबंधन होने के कारण भाजपा राणे को सदस्यता नहीं दे पा रही थी। इसके बाद फड़णवीस के प्रयासों से राणे भाजपा में शामिल हुए थे। अब राणे के लिए कर्ज उतारने का समय आ गया है।
भाजपा पर लग रहे बातचीत के आरोप
उद्धव ठाकरे ने रविवार शाम अपने विधायकों के साथ हुई बैठक में कहा कि मुझसे संघ के नेताओं ने बातचीत करने की कोशिश की पर मैने उन्हें साफ कहा कि अब समय निकल चुका है। फड़णवीस और अजीत पवार के शपथ लेने के दो दिन पहले भी उद्धव ठाकरे ने कहा था कि भाजपा या संघ के नेताओं ने उनसे बात करने की कोशिश की है। विधायकों की खरीद- फरोख्त से बचने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और NCP ने अपने विधायकों को होटल में कैद कर दिया है। अशोक चव्हाण ने भाजपा पर कांग्रेस नेताओं से बातचीत करने का आरोप भी लगाया है। जिस होटल में NCP के विधायक ठहरे थे, वहां भी सादे कपड़ों में कुछ पुलिसकर्मियों को देखा गया था, जिन पर जासूसी के आरोप लगाए गए थे।