
Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला लिया है। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान व PoK (Pakistan occupied Kashmir) में मौजूद आतंक के तीन अड्डों को मिट्टी में मिला दिया। 1971 के भारत-पाकिस्तान जंग के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सीधा हमला किया है। मुरीदके स्थित लश्कर मुख्यालय, बहावलपुर, कोटली, गुलपुर, भीमबेर, चक अमरू, सियालकोट और मुजफ्फराबाद स्थित जैश ठिकानों पर हमले किए गए। उन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनका इस्तेमाल लंबे समय से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जाता रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में राफेल लड़ाकू विमानों के अलावा भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के खास हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इनमें लोइटरिंग म्यूनिशन, स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर बम शामिल थे। भारत के लड़ाकू विमानों ने सीमा पार किए बिना इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
लोइटरिंग म्यूनिशन (LMS) को 'Kamikaze Drones' भी कहा जाता है। यह सटीक हथियार है जो टारगेट के ऊपर मंडराता है। यह अपने टारगेट पर सटीक वार करता है। लोइटरिंग म्यूनिशन में ड्रोन की निगरानी क्षमता को मिसाइलों की मारक क्षमता के साथ मिलाया गया है। इसे या तो ऑटोनॉमस मोड में ऑपरेट किया जा सकता है या ऑपरेटरों द्वारा रियल टाइम में कंट्रोल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से आम लोगों के जान माल के नुकसान होने का डर कम रहता है।
आतंक के अड्डों को तबाह करने के लिए राफेल से स्कैल्प, जिसे स्टॉर्म शैडो (SCALP/STORM SHADOW Cruise Missile) के नाम से भी जाना जाता है को भी इस्तेमाल किया गया था। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। यह अपनी स्टील्थ विशेषताओं के लिए जानी जाती है। स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 400km है। इसका इस्तेमाल बंकरों और गोला-बारूद के भंडार जैसे सुरक्षित ठिकानों को तबाह करने के लिए होता है।
ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किया गया दूसरा हथियार हैमर (HAMMER) है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाला बम है। इसका रेंज 70KM है। फ्रांसीसी कंपनी द्वारा बनाए गए इस बम को जाम करना बेहद कठिन है। यह मजबूत बंकरों को भी तबाह कर देता है। एक भी वार में इससे कई मंजिला घर को तबाह किया जा सकता है।