संसद में विपक्षी सांसदों का धरना खत्म, बोले- अब गांवों और सड़कों की लड़ाई शुरू होगी

संसद परिसर में रातभर धरना देने वाले आठ सांसदों ने धरना खत्म करने के बाद कहा कि अब वह किसानों के साथ सड़क और गांवों में किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। धरना खत्म होने के बाद तृणमूल कांग्रेस की निलंबित सांसद डोला सेन ने कहा, विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया है, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2020 12:38 AM IST / Updated: Sep 23 2020, 01:13 PM IST

नई दिल्ली. संसद परिसर में रातभर धरना देने वाले आठ सांसदों ने धरना खत्म करने के बाद कहा कि अब वह किसानों के साथ सड़क और गांवों में किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। धरना खत्म होने के बाद तृणमूल कांग्रेस की निलंबित सांसद डोला सेन ने कहा, विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया है, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं। अब इस लड़ाई को गांवों और राज्यों में लेकर जाएंगे। किसानों के साथ देशभर में इन विधेयकों के खिलाफ अलख जलाएंगे। लोकतांत्रिक अधिकारों किसानों और संसद की हमारी लड़ाई में एकजुटता व्यक्त करने के लिए कई राजनीतिक दलों के नेता रातभर धरनास्थल पर आए। माकपा के इलामारम ने कहा, सदन से निलंबित करके हमारी आवाज नहीं दबाई जा सकती। हम किसानों के साथ उनके अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।

इससे पहले निलंबित सांसद कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम तथा आप के संजय सिंह सोमवार को पूरी रात संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे बैठे रहे। यहां इन लोगों ने देशभक्ति के गाने गाए और कविता पाठ किया। संसद के इतिहास में संभवत: पहली बार रातभर चले धरने के दौरान कई विपक्षी नेता समर्थन देने पहुंचे। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, सपा की जया बच्चन, कांग्रेस के अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह और शशि थरूर भी शामिल थे।

हम धरने पर हैं, चाय पार्टी में नहीं
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश रातभर धरने पर बैठे आठ सांसदों के लिए मंगलवार सुबह चाय और नाश्ता लेकर पहुंचे। इस दौरान धरने पर बैठे सांसदों ने उपसभापति से मुलाकात की लेकिन चाय स्वीकार नहीं की। कांग्रेस के बोरा ने कहा, हरिवंश जी यहां साथी के रूप में आए हैं। हम किसानों की लड़ाई जारी रखेंगे। इससे कोई समझौता नहीं होगा। वहीं, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा, हम धरने पर हैं चाय पार्टी पर नहीं। हम उपसभापति का सम्मान करते हैं। धरने के बाद हम सभी सांसद अपने आवास पर उन्हें चाय के लिए आमंत्रित करेंगे।
 

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