
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के आह्वान पर बुधवार को दिल्ली में 17 विपक्षी दलों की बैठक हुई। बैठक में यह फैसला लिया गया कि विपक्ष की ओर से आम सहमति से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार उतारा जाएगा। एनसीपी प्रमुख शरद पवार को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं अभी सक्रिय राजनीति में हूं, इसलिए राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ना चाहता।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में दो घंटे तक हुई बैठक में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि आज कई दलों के नेता यहां थे। हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा। हम दूसरों के साथ परामर्श करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है।
सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी उम्मीदवार के रूप में फारूक अब्दुल्ला या गोपालकृष्ण गांधी के नाम का सुझाव दिया। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनने का आग्रह किया, हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
बैठक में शामिल हुए 17 विपक्षी दलों के नेता
ममता बनर्जी द्वारा बुलाए गए बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राकांपा, द्रमुक, राजद और वाम दलों के नेता बैठक में शामिल हुए, जबकि आप, शिअद, एआईएमआईएम, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजद के नेता नहीं आए। द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने शरद पवार से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने और संयुक्त उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। कुछ नेताओं ने अनुरोध किया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, पवार और बनर्जी सभी गैर-भाजपा दलों के साथ राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति से विपक्षी उम्मीदवार के चुनाव पर चर्चा करें।
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राजद के मनोज झा ने कहा कि विपक्ष के नेता शरद पवार को मनाएंगे। वह सही उम्मीदवार हैं। भाकपा के बिनॉय विश्वम ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि एक ही उम्मीदवार होना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो। बैठक में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, एचडी देवेगौड़ा, एचडी कुमारस्वामी, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला शामिल हुए।
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