पद्म पर सियासत : कांग्रेस के कर्ण सिंह बोले - अपना साथी सम्मानित हो रहा हो तो व्यंग्यात्मक टिप्पणियां ठीक नहीं

Padma award 2022 : कर्ण सिंह ने कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद को उस वक्त से जानता हूं जब उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1971 में वे ऊधमपुर संसदीय क्षेत्र से मेरे दूसरे चुनाव प्रचार में शामिल हुए थे। आजाद अपनी कड़ी मेहनत से आगे बढ़ते गए।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Congress leader ghulam nabi azad) को पद्म भूषण (Pamda award) दिए जाने की घोषणा को लेकर कपिल सिब्बल (Kapil sibal) के बाद अब कर्ण सिंह (Karan Singh) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर दलगत आधार पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए और अगर ‘अपना कोई एक साथी’ सम्मानित हो रहा हो तो उस पर ‘व्यंग्यात्मक टिप्पणियां’ करने की बजाय उसकी सराहना करते हुए बधाई देनी चाहिए। 

जयराम रमेश ने ट्विटर पर कसा था तंज
गौरतलब है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने गुलाम नबी आजाद को पद्म पुरस्कार दिए जाने पर कटाक्ष किया था। ऐसे में यह टिप्पणी आने के बाद लगता है कि पद्म पुरस्कारों को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है। वैसे गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की जी-23 लीडर्स में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व बदलने की जरूरत बताई थी। इस ग्रुप में कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हैं। 

समर्पण और प्रशासनिक योग्यता से आगे बढ़े आजाद
कर्ण सिंह ने कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद को उस वक्त से जानता हूं जब उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1971 में वे ऊधमपुर संसदीय क्षेत्र से मेरे दूसरे चुनाव प्रचार में शामिल हुए थे। आजाद अपनी कड़ी मेहनत से आगे बढ़ते गए और अपने समर्पण तथा प्रशासनिक योग्यता के दम पर पी वी नरसिंह राव और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे। सिंह ने कहा कि 7 वर्षों तक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए आजाद ने एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर दलगत आधार पर विवाद नहीं होना चाहिए। 

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क्या कहा था रमेश ने 


पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आजाद पर कटाक्ष किया था। दरअसल, बुद्धदेव भट्टाचार्य का नाम भी पद्म भूषण की लिस्ट में शामिल किया गया था लेकिन सीपीएम नेता ने पद्म लेने से इंकार कर दिया था।  बुद्धदेव भट्टाचार्य के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं न कि गुलाम।' हालांकि, रमेश के इस तंज में गुलाम नबी आजाद को लेकर तंज साफ झलक रहा था। 

सिब्बल ने कांग्रेस की खिंचाई की 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था - यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है।

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