Covid 19 : कोविशील्ड और कोवैक्सीन अब खुले मार्केट में होंगी उपलब्ध, जानें कहां से और कितने में मिलेगी वैक्सीन

कोरोना की तीसरी लहर के बीच गुरुवार को अच्छी खबर आई। अब कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन(Covid 19 anti vaccine) कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covishield and Covaxin)  क्लीनिक और अस्पतालों में उपलब्ध होगी। दोनों वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 11:25 AM IST / Updated: Jan 27 2022, 04:57 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of covid 19) के बीच गुरुवार को एक अच्छी खबर सामने आई। न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के मुताबिक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को बाजार में बेचने की अनुमति दे दी। वयस्क इस वैक्सीन को खरीद सकेंगे। यह अप्रूवल न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स 2019 के तहत दिया गया है। 

दवा दुकान से नहीं खरीद सकेंगे
हालांकि, अप्रूवल का मतलब ये नहीं है कि दोनों कोरोना वैक्सीन दवा दुकानों पर कोई भी खरीद सकेगा। बताया जा रहा है कि दोनों वैक्सीन को अस्पतालों और क्लीनिकों से खरीदा जा सकेगा। इमरजेंसी यूज के लिए सेफ्टी डेटा DCGI को 15 दिनों के भीतर देना होता है, लेकिन बाजार की मंजूरी के लिए डेटा छह महीने के भीतर नियामक को देना होगा।

275 रुपए में मिल सकता है एक डोज, सर्विस चार्ज अलग से
मंजूरी मिलने के बाद कोरोना वायरस की इन दोनों वैक्सीन का एक डोज 275 रुपए में मिलने की संभावना है। सर्विस चार्ज के 150 रुपए जुड़ने के बाद हर डोज के लिए एक व्यक्ति को 425 रुपए में मिल सकता है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority, NPPA) ने वैक्सीन की कीमत सीमित रखने की दिशा में निर्देश दिए हैं। बता दें कि अभी तक निजी अस्‍पतालों में कोवैक्‍सीन (Covaxin) की कीमत 1,200 रुपए प्रति डोज और कोविशील्‍ड (Covisheeld) की कीमत 780 रुपए प्रति डोज है। इन कीमतों में 150 रुपए का सर्विस चार्ज भी शामिल है।

इन शर्तों के आधार पर मिली मंजूरी
कोवैक्सीन और कोवीशील्ड को बाजार में बेचने के लिए न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल रूल्स 2019 के तहत मंजूरी दी गई है। इसके तहत फर्म को CO-Win प्लेटफॉर्म पर देश के अंदर सभी वैक्सीनेशन रिकॉर्ड करने के अलावा देशभर में चल रहे क्लीनिकल ट्रायल्स और सप्लाई किए जाने वाले वैक्सीन के डोज का डाटा जमा करना होगा। वैक्सीनेशन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर भी निगरानी रखनी होगी।

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