पहलगाम में आतंकी हमला: पल भर में खून से लाल हो गई दुनिया की खूबसूरत घाटी

Published : Apr 23, 2025, 08:27 AM ISTUpdated : Apr 23, 2025, 09:23 AM IST
पहलगाम में आतंकी हमला: पल भर में खून से लाल हो गई दुनिया की खूबसूरत घाटी

सार

कल पहलगाम की बैसरन घाटी में जब आतंकवादी पहुँचे तो कई लोगों ने सोचा कि यह एक मॉक ड्रिल है। लेकिन, उनकी यह गलतफहमी जल्द ही दूर हो गई जब बंदूकों से गोलियां चलने लगीं और चीख-पुकार मच गई।

पहलगाम में आतंकी हमलाः 2000 और 2001 में अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर आतंकवादियों द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। जब सेना जैसी वर्दी पहने और बंदूकें लिए आतंकवादी पहुँचे, तो कई लोगों ने सोचा कि यह एक मॉक ड्रिल है।

छुट्टियां मनाने आए लोग, मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले कश्मीर की खूबसूरती देखने आए लोग, शादी की खुशियों में डूबे लोग, इस अप्रत्याशित हमले के शिकार अलग-अलग जगहों से, अलग-अलग देशों से और अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले थे। कल पहलगाम की बैसरन घाटी में जब आतंकवादी पहुँचे तो कई लोगों ने सोचा कि यह एक मॉक ड्रिल है। लेकिन, उनकी यह गलतफहमी जल्द ही दूर हो गई जब बंदूकों से गोलियां चलने लगीं और चीख-पुकार मच गई। पत्नी को खोने वाले, पति को खोने वाले, माता-पिता को खोने वाले, सभी बिखर गए।

दुनिया की खूबसूरत घाटी पल भर में खून से लाल हो गई। कई लोग गोलियों का शिकार हो गए। उनमें से एक थे इडापल्ली के रहने वाले रामचंद्रन, जो अपनी पत्नी, बेटी और नाती-पोतों के साथ कश्मीर घूमने आए थे। कोच्चि में काम करने वाले हरियाणा के रहने वाले नौसेना अधिकारी विनय नरवाल और उनकी पत्नी, और तेलंगाना के एक खुफिया अधिकारी भी मारे गए। विनय नरवाल की शादी को सिर्फ 6 दिन ही हुए थे। शिवमोग्गा से आए मंजूनाथ राव अपनी पत्नी के सामने ही गोलियों का शिकार हो गए। केरल से आए हाईकोर्ट के जज और विधायक भी कश्मीर में थे, लेकिन वे सभी सुरक्षित हैं।

हमले के बाद पूरा देश जाग उठा। अमित शाह श्रीनगर पहुँचे। उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने अपनी सऊदी यात्रा छोटी करके भारत लौट आए। सेना की तरफ से एक दुर्लभ प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। राष्ट्रपति, विपक्षी दलों और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हमले की निंदा की। दुनिया भर के नेताओं ने भारत के साथ खड़े होने की बात कही। इसके बाद दिल्ली और मुंबई समेत कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। पहलगाम के चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात है।

कश्मीर में दुःख के साथ-साथ आतंकवादियों के खिलाफ गुस्सा भी बढ़ रहा है। 2000 के बाद से आम लोगों पर कश्मीर में कई हमले हुए हैं, लेकिन पर्यटकों पर ऐसा हमला काफी समय बाद हुआ है। हमले के दूसरे दिन दुनिया भारत के अगले कदम पर नज़र रखे हुए है। दुनिया देख रही है कि हमले के दोषियों को पकड़ने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

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