इस तस्वीर के सामने आने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने कहा, कश्मीर छोड़ो, अब मुजफ्फराबाद बचाना भी मुश्किल

यह बयान तब आया जब एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले थे और दोनों ने सहमति व्यक्त की थी कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है। फ्रांस में जी 7 शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जाएगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए अपनी परमाणु शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं डरता। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2019 10:53 AM IST / Updated: Aug 27 2019, 04:29 PM IST

नई दिल्ली. पाकिस्तान में विपक्ष के नेता बिलावल भुट्टो ने अपनी कश्मीर नीति पर इमरान खान पर हमला किया है। उन्होंने कहा, इमरान खान की नीतियों ने पाक को इतना कमजोर बना दिया है कि पीओके को बचाना भी मुश्किल है। बिलावल का यह बयान तब आया, जब एक दिन पहले ही फ्रांस में नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले और दोनों ने सहमति व्यक्त की थी कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है। पाकिस्तान लगातार कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की फिराक में है। लेकिन यह बयान सीधे तौर पर पाक के खिलाफ गया है। 

मौजूदा हालात के लिए इमरान सरकार जिम्मेदार : बिलावल

- पाकिस्तान में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान भारत से श्रीनगर छीनने की बात करता है, लेकिन अब मुजफ्फराबाद को बचाना भी मुश्किल हो गया है। मुजफ्फराबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी है। भुट्टो ने मौजूदा हालात के लिए इमरान खान सरकार की कमजोर नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। 

- यह बयान तब आया जब एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले थे और दोनों ने सहमति व्यक्त की थी कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है। 

- फ्रांस में जी 7 शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जाएगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए अपनी परमाणु शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं डरता। 

- हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने की मोदी सरकार का निर्णय एक आंतरिक मामला है। पाकिस्तान इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है। भारत अब केवल पाकिस्तान के साथ पीओके पर चर्चा करने में रुचि रखता है। 
 

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