पाकिस्तान में भीड़ ने मंत्री का घर जलाया, जानें क्या है नहर परियोजना जिससे भड़के लोग

Published : May 21, 2025, 04:18 PM ISTUpdated : May 21, 2025, 04:19 PM IST
Sindh minister home torches

सार

सिंध में नहर परियोजना के विरोध में उग्र प्रदर्शन, गृहमंत्री का घर जलाया गया और पुलिस के साथ झड़प में दो प्रदर्शनकारियों की मौत। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आगजनी और लूटपाट भी की।

Pakistan: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के नौशेहरो फिरोज जिला में मंगलवार को उग्र विरोध प्रदर्शन हुआ। स्थिति ऐसी थी जैसे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जंग हो रही हो। उग्र लोगों ने छह नहरों और कॉर्पोरेट कृषि परियोजनाओं के खिलाफ आंदोलन के दौरान मोरो तालुका में नेशनल हाईवे बंद कर दिया था। पुलिस के साथ झड़प में कम से कम दो प्रदर्शनकारी मारे गए। दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कुछ ट्रक लूट लिए और एक तेल टैंकर सहित तीन वाहनों को आग लगा दी।

सिंध के गृह मंत्री के घर को भीड़ ने जलाया

उग्र भीड़ ने सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के घर में तोड़फोड़ की और जला दिया। लोगों ने छत से एयर कंडीशनर फेंक दिया। मंत्री के घर पर अधिक संख्या में प्राइवेट गार्ड पहुंचे तब स्थिति पर काबू पाया जा सका। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इसमें मंत्री के घर को जलते दिखाया गया है।

 

 

वीडियो में गार्डों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाते हुए दिखाया गया है। आग से निकलने वाला घना काला धुआं लंजर हाउस के ऊपर आसमान में छा गया और कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहा था।

एक वीडियो में दर्जनों लोग यूरिया की बोरियां ले जा रहे ट्रक पर चढ़ते हुए देखे जा सकते हैं। उन्होंने बोरियां लूट लीं। कुछ लोगों ने उन्हें ट्रक से नीचे फेंक दिया जबकि अन्य ने मोटरसाइकिलों पर ले जाकर जला दिया।

क्या है नहर परियोजना, जिसके चलते हो रहा विवाद?

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की संघीय सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिंधु नदी पर छह नहरें बनाना चाहती थी। इसकी लागत 211.4 बिलियन रुपए थी। परियोजना का उद्देश्य 4 लाख एकड़ बंजर भूमि को खेती लायक बनाना है।

इस परियोजना के कारण पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाली सिंध सरकार और संघीय सरकार के बीच बड़ा मतभेद पैदा हो गया। दोनों ही दल संघीय गठबंधन सरकार में भागीदार हैं। पीपीपी के साथ-साथ अन्य सिंध राष्ट्रवादी समूहों ने इसका विरोध किया है। उन्हें डर था कि इससे सिंध के लिए पानी कम बचेगा।

पिछले महीने, काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) ने इस परियोजना को खारिज कर दिया। इसने 7 फरवरी को नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल (ECNEC) की कार्यकारी समिति द्वारा पहले दी गई मंजूरी को पलट दिया। इस फैसले के बाद भी सिंध में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों गारंटी मांग रहे हैं कि परियोजना पूरी तरह से रोक दी जाए।

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