
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद (parliament) को बताया कि पिछले दो साल में नियंत्रण रेखा (LOC) पर युद्ध विराम उल्लंघनों की कुल 5,601 घटनाएं हुईं। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी (pakistan)चौकियों और सैनिकों (Pakistani Army) को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा -30 नवंबर 2019 से 29 नवंबर 2021 तक जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना की तरफ से एलओसी पर युद्ध विराम उल्लंघनों की कुल 5,601 घटनाओं की जानकरी दी गई है। जवाबी कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अग्रिम चौकियों पर तैनात सैन्य टुकड़ियों को पाकिस्तान की तरफ से युद्ध विराम उल्लंघनों का जवाब देने की खुली छूट है। उन्होंने कहा- भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तानी चौकियों और सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
ओमीक्रोन से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही : मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि सरकार इसके लिए हर स्तर पर तैयारी कर रही है। राज्यसभा में उन्होंने बताया कि देश में ओमीक्रोन के 161 मामले अब तक सामने आए हैं। इनमें से 13 फीसदी मामलों में लक्षण बेहद मामूली हैं । 80 फीसदी मामलों में कोई लक्षण सामने नहीं आए। 44 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 96 देशों में ओमीक्रोन फैल चुका है और इसके प्रभावों पर नजर रखी जा रही है। सरकार वायरस के इस स्वरूप को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा आने वाले समय में इसे लेकर जरूरत के अनुसार गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। इसके आधार पर ही देखा जाना चाहिए ताकि लोगों में किसी तरह का भ्रम न फैले।
88% आबादी को मिल चुकी है Vaccine की पहली डोज
अब तक ओमीक्रोन के जो 161 मामले सामने आए हैं, वे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात आदि अलग-अलग राज्यों के हैं। ओमीक्रोन के मामलों का जल्दी पता लगाने के लिए और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 38 लैब काम कर रही हैं। मांडविया ने बताया कि कोविड महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण है और हमारे देश की 88 फीसदी आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली डोज और 58 फीसदी आबादी को दूसरी डोज लग चुकी है।
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