दिल्ली में अब नहीं जलेगी पराली, इस तरीके से खाद में बदल रहे किसान: सीएम अरविन्द केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ हिरनकी गांव का दौरा कर बायो डीकंपोजर केमिकल के छिड़काव का पराली पर पड़ने वाले प्रभावों का जायजा लिया।

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2020 11:28 PM IST

नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ हिरनकी गांव का दौरा कर बायो डीकंपोजर केमिकल के छिड़काव का पराली पर पड़ने वाले प्रभावों का जायजा लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने पराली का बहुत ही सस्ता और आसान सामधान दे दिया है। पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए किसान मजबूर होकर पराली जलाते हैं। पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए बायो डीकंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बायो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है। वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान को लेकर कदम उठाया होता, तो आज दिल्ली के लोगों को कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता। दिल्ली के प्रदूषण में करीब 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का है।

दिल्ली ने दे दिया पराली का समाधान अब किसी सरकार के पास कोई बहाना नहीं है: केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने पहली बार पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर पराली का एक समाधान दिया है। अभी तक कहा जा रहा था कि क्या करें? पराली का समाधान नहीं हो सकता है। लेकिन पूसा इंस्टीट्यूटी द्वारा तैयार किया गया बायो डीकंपोजर केमिकल से पराली का समाधान संभव है और यह समाधान काफी सस्ता है और इतना अच्छा समाधान है कि इस केमिकल के इस्तेमाल से पराली खेत में गल कर अब खाद में बदल रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह आखिरी साल होगा, जब हम पराली की वजह से प्रदूषण बर्दाश्त कर रहे हैं। 
 

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