फूट पड़नी शुरू! वसूली के टारगेट पर गृहमंत्री देशमुख की सफाई, परमबीर बचने के लिए मुझपर झूठे आरोप लगा रहे

Published : Mar 20, 2021, 06:35 PM ISTUpdated : Feb 05, 2022, 03:21 PM IST
फूट पड़नी शुरू! वसूली के टारगेट पर गृहमंत्री देशमुख की सफाई, परमबीर बचने के लिए मुझपर झूठे आरोप लगा रहे

सार

एंटीलिया केस से शुरू हुई जांच गृह मंत्री तक पहुंचती दिख रही है। टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था।

मुंबई. एंटीलिया केस से शुरू हुई जांच गृह मंत्री तक पहुंचती दिख रही है। टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था।

चिट्ठी में क्या-क्या लिखा गया है?
चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा है, "गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।"

परमबीर सिंह कहां से आ गए?
एंटीलिया केस में शुरुआती जांच पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की देखरेख में ही हो रही थी। इस केस में NIA ने मुंबई पुलिस अफसर सचिन वझे को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह पर कई आरोप लगे। नतीजा ये हुआ कि परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया। उनकी जगह हेमंत नगराले नए पुलिस कमिश्नर हैं। 

चिट्ठी पर गृहमंत्री ने दी सफाई
चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सफाई दी कि एंटीलिया और मुकेश हिरेन केस में सचिन वझे के डायरेक्ट लिंक नजर आ रहे हैं। इससे परमबीर सिंह डरे हुए है। उन्हें डर है कि कहीं केस की आंच उन तक न पहुंच जाए। वे मुझ पर गलत आरोप लगाकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

एंटीलिया केस में वझे कैसे फंसे?
एंटीलिया केस की जांच सचिन वझे ही कर रहे थे। पूरे घटनाक्रम को क्रमवार समझते हैं। 17 फरवरी को मनसुख हिरेन की कार विक्रोली इलाके से चुराई गई थी। 18 फरवरी को मनसुख हिरेन ने विक्रोली पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई। 25 फरवरी को संदिग्ध SUC में 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला। 26 फरवरी को पता चला कि कार का मालिक मनसुख हिरेन है। 27 फरवरी को मनसुख हिरेन को सचिन वझे के साथ एक सफेद लैंड क्रूजर में कमिश्नर के कार्यालय में जाते देखा गया।

5 मार्च को मनसुख हिरेन का शव मिला। पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने सचिन वझे की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले से ही सचिन वझे मनसुख हिरेन को जानते थे। 6 मार्च को तीनों मामले,  मनसुख हिरेन की मौत, स्कॉर्पियो का मामला और अंबानी के घर के पास बम, ATS को सौंपा गया। 14 मार्च को सचिन वझे को पुलिस हिरासत में भेजा गया। 17 मार्च को मुंबई के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह का ट्रांसफर हुआ।

यहां देखें- तीन पन्नें की पूरी चिट्ठी की कॉपी

PREV

Recommended Stories

Indigo: एयरपोर्ट्स पर लगा सूटकेस का ढेर, फ्लाइट कैंसिल होने से रो पड़े यात्री
Indigo Crisis Day 6: इंडिगो की आज 650 फ्लाइट कैंसिल, जानें किस शहर से कितनी?