संसद मानसून सत्र 2022:सर्वदलीय मीटिंग में विपक्ष की मांग- अग्निपथ स्कीम, किसानों के मुद्दे पर हो चर्चा

Published : Jul 16, 2022, 09:05 PM ISTUpdated : Jul 16, 2022, 09:10 PM IST
संसद मानसून सत्र 2022:सर्वदलीय मीटिंग में विपक्ष की मांग- अग्निपथ स्कीम, किसानों के मुद्दे पर हो चर्चा

सार

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करेगी। मानसून सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी। जबकि छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है।

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। मानसून सत्र के शुरू होने के पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। ओम बिरला के सर्वदलीय मीटिंग में विपक्ष ने संसद के मानसून सत्र के दौरान अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।

अधीर रंजन चौधरी ने की मुद्दों पर चर्चा की मांग

सर्वदलीय मीटिंग में राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं ने भाग लिया। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने मांग की है कि अग्निपथ, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और विपक्ष को इन मुद्दों को सदन में उठाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। चौधरी ने कहा कि विपक्ष को सदन में मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

कब से कबतक होगा मानसून सत्र

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करेगी। मानसून सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी। जबकि छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। दरअसल, स्पीकर प्रत्येक संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रथानुसार सर्वदलीय बैठक को आयोजित करता है।

हंगामेदार हो सकता है मानसून सत्र

संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में अग्निपथ योजना और केंद्र सरकार के कई और फैसले को लेकर इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। इस बीच संसद में सांसद क्या नहीं बोलेंगे और क्या नहीं करेंगे इसको लेकर फरमान जारी हुए हैं। संसद में धरना देने और विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगा दिया गया है। सांसद पोस्टर, पर्चे और तख्तियां भी नहीं दिखा सकेंगे। लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी किया है। संसद परिसर में पर्चे और तख्तियां बांटने पर भी रोक लगा दिया गया है। यही नहीं संसद में अन-पार्लियामेंट्री शब्दों की भी लिस्ट जारी की गई है। 1100 शब्दों वाली इस लिस्ट में शामिल शब्दों के इस्तेमाल किए जाने पर उसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा। 

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