लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश, क्या सरकार को करनी चाहिए चिंता?, जानें किसके पास है कितनी संख्या

कांग्रेस और बीआरएस ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया है। जानें सरकार के पास कितनी संख्या बल है।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के साथ मिलकर लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ दो अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव पेश किए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया है। उन्होंने कहा है कि वे सभी दलों से बातचीत करेंगे, इसके बाद घोषणा करें कि अविश्वास प्रस्ताव पर कब चर्चा होगी।

मणिपुर में तीन मई से हो रही जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं। दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का वीडियो सामने आया है। इसके बाद से विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर है। विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में मणिपुर मामले में जवाब दें। इसके चलते विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार के लिए चिंता की कोई बात है। लोकसभा में सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है। इसलिए सरकार को सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है।

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सत्ता और विपक्ष, किसके पास है कितना संख्या बल?

लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 272 है। सत्ताधारी गठबंधन NDA (National Democratic Alliance) के पास 331 सांसद हैं। अकेली बीजेपी के पास 303 सांसद हैं। दूसरी ओर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA के पास 144 सांसद हैं। केसीआर की पार्टी BRS, वाईएस जगन रेड्डी की पार्टी YSRCP और नवीन पटनायक की पार्टी BJD के पास मिलाकर 70 सांसद हैं। ये दल अभी विपक्षी में तो हैं, लेकिन विपक्षी गठबंधन INDIA का हिस्सा नहीं हैं।

क्या है अविश्वास प्रस्ताव?

अविश्वास प्रस्ताव संसदीय टूल है। इसका इस्तेमाल विपक्ष द्वारा तब किया जाता है जब उसे लगे कि सरकार ने संसद का विश्वास खो दिया है। अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद सरकार को लोकसभा में अपना बहुमत साबित करना होता है। बहुमत साबित नहीं होने पर सरकार गिर जाती है। सरकार तब तक सत्ता में रह सकती है जब तक उसके पास लोकसभा में बहुमत है।

राज्यसभा में नहीं लाया जा सकता अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष द्वारा एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल सरकार से सवाल पूछने के लिए किया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ विपक्ष ही ला सकता है। इसे लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, राज्यसभा में नहीं। संसद में कोई भी विपक्षी पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। सरकार को सत्ता में बने रहने के लिए बहुमत साबित करना होता है।

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पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक कई नेताओं को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा है। मोरारजी देसाई, चरण सिंह, वीपी सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिर गई थी। 2018 में विपक्ष द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन विपक्ष को हार मिली थी।

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