
Parliament Winter Session: संसद का विंटर सेशन शुरू होने से पहले दिल्ली में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सरकार से लेकर विपक्ष तक हर पार्टी अपनी रणनीति को आखिरी रूप दे रही है। इसी कड़ी में रविवार सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, ताकि सत्र सुचारू रूप से चल सके और अहम बिलों पर चर्चा आगे बढ़ सके। सत्र शुरू होने से ठीक पहले होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस बार कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
रविवार सुबह सर्वदलीय बैठक सुबह 11 बजे होगी। शाम 4 बजे लोकसभा-राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी मीटिंग होगी। इसके बाद सोमवार 10 बजे INDIA ब्लॉक फ्लोर लीडर्स की बैठक होगी। सरकार उम्मीद कर रही है कि सभी दल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बिना बाधा कामकाज सुनिश्चित करने में सहयोग देंगे। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और कई महत्वपूर्ण विधेयक (Bills) चर्चा और पारित होने के लिए लिस्टेड हैं।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) और इंडिया ब्लॉक पार्टियां संसद के विंटर सेशन में SIR (Special Intensive Revision) को प्रमुख तौर पर उठाने की तैयारी में हैं। टीएमसी के सीनियर लीडर डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा है कि 'SIR की तेज़ गति वाली प्रक्रिया ने बूथ लेवल अफसरों (BLOs) और नागरिकों में डर, थकान और कई जगहों पर मौतों तक की नौबत ला दी है।' उनका आरोप है कि SIR एक्सरसाइज को 'मनमानी डेडलाइन' और 'अमानवीय दबाव' के साथ लागू किया जा रहा है, खासकर पश्चिम बंगाल में।
TMC ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं, ओ’ब्रायन ने पूछा कि आखिर पश्चिम बंगाल को सबसे 'इंटेंसिव स्क्रूटनी' के दायरे में क्यों रखा गया? उन्होंने पूछा कि जब त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, अरुणांचल, नागालैंड और मणिपुर भी अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले राज्य हैं, तो उन्हें SIR से पूरी तरह छूट क्यों दी गई? असम, जिसकी स्थिति कई मामलों में बंगाल जैसी है, उसे भी लाइट रिवीजन कैटेगरी में रखा गया है। ओ’ब्रायन का दावा है कि यह कदम वोटर लिस्ट में बंगालियों की व्यवस्थित कटौती (Pruning) की ओर इशारा करता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 7.64 करोड़ फॉर्म वितरित हुए, जिनमें से 82% डेटा डिजिटल रूप में दर्ज हैं। 99.8% मतदाताओं का घर-घर वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है। यह दिखाता है कि पश्चिम बंगाल में SIR अभियान लगभग खत्म होने के करीब है। राष्ट्रीय स्तर पर SIR का दूसरा चरण 4 नवंबर से शुरू हुआ है, जिसमें 9 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। पहला चरण बिहार में चुनाव से पहले पूरा किया गया था। अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।