अब मंगल पर जाना ही बचा है...निर्भया के दोषी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पहुंचे तो भड़क गए सोशल मीडिया यूजर्स

निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। उससे पहले मौत से बचने के लिए तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) पहुंच गए हैं। उन्होंने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 11:42 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। उससे पहले मौत से बचने के लिए तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) पहुंच गए हैं। उन्होंने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। अब सोशल मीडिया पर कुछ लोग दोषियों के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ मजाक बना रहे हैं। एक ट्वीटर यूजर ने कहा, अब दोषी मौत से बचने के लिए मंगल ग्रह पर जाना ही बचा है।

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट जाने की खबर पर सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रिया आई

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- "यह निर्भया के दोषियों के वकील की मौत से बचाने का नया तारीका है।" 
- एक यूजर ने लिखा, "अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से कोई मदद नहीं मिलेगी।" 
- एक यूजर ने लिखा, "यहां पान की दुकान तक लोग नहीं जा पाते और ये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पहुंच गए।"
- "जल्दी लटकाओ इनको, कानून को मजाक बना रखा है।"
- "जिंदा रहने के लिए दोषियों को तड़प देखकर सुकून मिल रहा है।"
- "मुझे नहीं लगता है इन्हें कभी लटकाया भी जाएगा। इसीलिए मुझे भारतीय न्यायालय पर भरोसा नहीं है।"

20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है
निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। इससे पहले भी तीन बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। 7 जनवरी को पहला डेथ वॉरंट जारी हुआ था, जिसके मुताबिक 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया। दूसरा डेथ वॉरंट 17 जनवरी को जारी हुआ, दूसरे डेथ वॉरंट के मुताबिक, 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश था। फिर 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली दी। तीसरा डेथ वॉरंट 17 फरवरी को जारी हुआ। इसके मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश दिया गया।

दोषी नंबर 1- पहले दोषी का नाम अक्षय ठाकुर है। यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।

दोषी नंबर 2- दूसरे दोषी को नाम मुकेश सिंह है। यह बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।

दोषी नंबर 3- तीसरा दोषी पवन गुप्ता है। पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।

दोषी नंबर 4- चौथा दोषी विनय शर्मा है। विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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