SC ने बेटियों को अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने की मांग को किया खारिज , कहा- यह आस्था का विषय

बेंच ने कहा, ‘‘हमें इस याचिका पर सुनवाई करने की कोई वजह नहीं दिखाई देती। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। हालांकि, याचिकाकर्ता सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय के समक्ष याचिका दे सकती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 7, 2019 7:41 AM IST / Updated: Nov 07 2019, 01:16 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रिम कोर्ट ने बेटियों को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को लेकर केंद्र को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया। जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने गरिमा भारती की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालतें ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती क्योंकि यह ‘‘आस्था और विश्वास’’ का मामला है।

सुनवाई करने की कोई वजह नहीं- SC

बेंच ने कहा, ‘‘हमें इस याचिका पर सुनवाई करने की कोई वजह नहीं दिखाई देती। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। हालांकि, याचिकाकर्ता सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय के समक्ष याचिका दे सकती हैं। लंबित अर्जी का निपटारा हो गया समझा जाए।’’सुनवाई के दौरान बैंच ने कहा कि भारत में कुछ समुदाय हैं जो बेटियों को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने की अनुमति देते हैं जबकि कुछ समुदाय नहीं देते।

बैंच ने कहा, ‘‘अगर यह रस्म अपराध नहीं है तो सरकार ऐसी चीजों पर नियंत्रण नहीं लगा सकती।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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