Petrol-Diesel पर एक्साइज ड्यूटी कटौती पर छिड़ी रार, कांग्रेस बोली- 18 बढ़ाकर 8 रुपये कम दिया, जनता बेवकूफ नहीं

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के बाद अब केंद्र सरकार और गैर बीजेपी शासित राज्यों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम अधिक हैं क्योंकि वह लोग जनता से अनावश्यक टैक्स वसूल रहे हैं। 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ईंधन और गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की है। निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद पेट्रोल करीब साढ़े नौ रुपये तो डीजल सात रुपये प्रति लीटर सस्ता हो सकेगा। केंद्र सरकार के निर्णय को कांग्रेस ने नाकाफी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार जो एक्साइज ड्यूटी लगाती थी, उसे लागू किया जाए। उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर राज्य सरकारों पर ठीकरा फोड़ा है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम अधिक हैं क्योंकि वह लोग जनता से अनावश्यक टैक्स वसूल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के अनुरोध को न मानते हुए कुछ राज्यों ने कीमतों को कम करने से इनकार कर दिया है।

बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम

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पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पेट्रोल की कीमत में 9.5 रुपये की कमी आएगी, जबकि डीजल 7 रुपये सस्ता होगा क्योंकि पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है। पुरी ने कहा कि कई राज्यों में ईंधन की कीमतें भाजपा शासित राज्यों की तुलना में लगभग 10-15 रुपये अधिक हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं केंद्रीय उत्पाद शुल्क में इस दूसरी कमी के बावजूद इस तथ्य को उजागर करना चाहता हूं कि महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और केरल जैसे राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत भाजपा शासित राज्यों की तुलना में लगभग 10-15 रुपये अधिक है। उन्होंने कहा कि मूल्य असमानता उनकी संबंधित राज्य सरकारों के वैट को कम करने से इनकार करने के कारण है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों के लिए जागने और अपने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए वैट कम करने का समय आ गया है।

कांग्रेस बोली-मूर्ख बना रही है सरकार

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि कटौती बहुत कम है। केंद्र सरकार लोगों को 'मूर्ख' बनाने का काम कर रही है। एक वरिष्ठ नेता ने 60 दिन पहले के आंकड़ों और 2014 की दरों की ओर इशारा करते हुए कहा, "देश को लोगों को ठगने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी की जरूरत नहीं है।" कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने निर्मला सीतारमण की घोषणा करे जुमला करार देते हुए कहा कि मई 2014 के पेट्रोल पर ₹ 9.48 प्रति लीटर और डीजल पर ₹ 3.56 प्रति लीटर के केंद्रीय उत्पाद शुल्क था, उसे की बहाल कर देना चाहिए तब जाकर लोगों को राहत मिलेगी।
Randeep Singh Surajewala ने ट्वीट किया कि प्रिय एफएम, मई 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹ 9.48/लीटर था। 21 मई 2022 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹ 27.90/लीटर। आपने अब ₹ 8 घटा दिया। आपने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹ 18.42/लीटर बढ़ा दिया और अब इसे ₹ 8/लीटर कम कर दिया।

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