UP में हिंसा के लिए PFI ने 120 करोड़ रु ट्रांसफर किए, लिस्ट में सिब्बल और इंदिरा जयसिंह का भी नाम

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए बड़े पैमाने पर हिंसक आंदोलन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में हिंसा के पीछे मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सीधा हाथ बताया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2020 8:29 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:25 AM IST

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए बड़े पैमाने पर हिंसक आंदोलन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में हिंसा के पीछे मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सीधा हाथ बताया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उनमें कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल, इंदिरा जय सिंह, दुष्यंत दवे और अब्दुल समद का भी नाम है।

जिन इलाकों में हिंसा हुई, वहां बड़े पैमाने पर फंडिंग हुई है। इसके आधार पर ही एजेंसी ने इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पीएफआई का सीधा लिंक होने का खुलासा किया है। 

उप्र के इन इलाकों में हुई जमकर फंडिंग
ईडी ने खुलासा किया है कि संसद द्वारा दिसंबर में सीएए को मंजूरी दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली, डासना में बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है। 

73 बैंक खातों में आए 120 करोड़ रुपए
रिपोर्ट के मुताबिक, 73 खातों में 120 करोड़ रुपए की फंडिंग की गई है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि पीएफआई की कश्मीर शाखा के खाते में भी 1.65 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के साथ ईडी गृह मंत्रालय पहुंची है। 

पीएफआई अध्यक्ष को मिली जमानत
यह रिपोर्ट पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद को जमानत मिलने के कुछ दिन बाद सामने आई है। पुलिस ने अहमद को गिरफ्तार कर दंगों का मास्टरमाइंड बताया था, वहीं कोर्ट ने सबूतों के आभाव में अहमद को जमानत दे दी। 

अहमद ने दावा किया था, सरकार हिंसा को उनके संगठन से जोड़ना चाहती है, लेकिन कोई सबूत नहीं हैं। हमारे 25 सदस्यों में से 19 को जमानत मिल गई है।  इससे पहले योगी सरकार ने केंद्र सरकार से पीएफआई को बैन करने की मांग की थी। सरकार का दावा है कि ये संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।

यूपी में दिसंबर में हुई थी हिंसा
भारत में पिछले साल के आखिरी में नागरिकता कानून पास हुआ था, इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले प्रताड़ित हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है। 

इस कानून के विरोध में भारत के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, प बंगाल, असम, दिल्ली में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी देखने को भी मिले थे। उत्तर प्रदेश में हिंसा में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

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