Shraddha Walkar murder case: दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, केस CBI को ट्रांसफर करने HC में याचिका

श्रद्धा वाकर हत्याकांड की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका(plea) दायर करके केस CBI को सौंपने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस हर डिटेल्स का मीडिया के सामने खुलासा कर रही है। 

Amitabh Budholiya | Published : Nov 21, 2022 8:44 AM IST

नई दिल्ली. श्रद्धा वाकर हत्याकांड(horrific Shraddha Walker murder case) की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका(plea) दायर करके केस CBI को सौंपने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस हर डिटेल्स का मीडिया के सामने खुलासा कर रही है। वहीं, सबूत वाले स्थलों पर मीडिया और अन्य लोगों की आवाजाही बनी हुई है। बता दें कि श्रद्धा वाकर की आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को गला दबाकर हत्या कर दी थी। फिर उसके शरीर के 35 टुकड़े करके दिल्ली के छतरपुर इलाके में जंगल में फेंक दिए थे। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर कर श्रद्धा वाकर हत्याकांड की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने का निर्देश देने की मांग की गई। जोशिनी तुली(petition filed by JoshiniTuli) द्वारा दायर जनहित याचका में कहा गया है कि सबूतों की बरामदगी के स्थानों पर मीडिया और जनता की उपस्थिति सबूतों से छेड़छाड़ करने के बराबर है। याचिका को बुधवार को सुनवाई के लिए लिस्टेड किया गया है। इसमें कहा गया है कि अब तक दिल्ली पुलिस ने जांच के संबंध में मीडिया और जनता के सामने हर डिटेल्स का खुलासा किया है, जिसकी कानून के तहत अनुमति नहीं है। इसमें दावा किया गया कि कथित घटना स्थल को दिल्ली पुलिस ने आज तक सील नहीं किया है, जिस पर जनता और मीडियाकर्मी लगातार पहुंच रहे हैं।

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याचिका में कहा गया कि हत्या की घटना कथित तौर पर दिल्ली में हुई और उसके बाद शरीर के अंगों को अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगाया गया। यानी प्रशासनिक/कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ महरौली पुलिस स्टेशन की जांच प्रभावी ढंग से नहीं की जा सकती है। साक्ष्य और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त टेक्निक और साइंटिफिक इक्विपमेंट्स की कमी है। यह घटना लगभग 6 महीने पहले मई, 2022 में हुई थी। एडवोकेट जोगिंदर तुली के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस की जांच के संवेदनशील विवरण अब तक मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक लोगों के सामने आ चुके हैं, जिससे संवेदनशील सबूतों से छेड़छाड़ हुई है। 

बता दें कि 17 नवंबर को एक लोअर कोर्ट ने पुलिस को आरोपी से अपनी हिरासत में 5 और दिनों तक पूछताछ करने की अनुमति दी थी। वहीं, एक अन्य जज ने फोरेंसिक प्रक्रिया से गुजरने की सहमति के बाद सनसनीखेज मामले को सुलझाने के लिए उसके नार्को टेस्ट( narco analysis test) की भी अनुमति दी थी। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि आफताब पूनावाला ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या की और बाद में उसके शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगा। उसने पुलिस को बताया कि उसने मानव शरीर रचना(human anatomy) के बारे में पढ़ा था, जिससे उसे श्रद्धा के बॉडी को काटने का हैवानियतभरा आइडिया आया। पुलिस ने बताया कि आफताब ने Google पर सर्च करने के बाद कुछ केमिकल से फर्श से खून के धब्बे साफ किए और दाग लगे कपड़ों को डिस्पोज कर दिया। उसने शव को बाथरूम में शिफ्ट कर दिया और पास की एक दुकान से फ्रिज खरीद लिया। बाद में उसने शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर फ्रिज में रख दिए।

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