सार
कर्नाटक के मेंगलुरू में हुए ऑटोरिक्शा विस्फोट केस में जांच रही पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मोहम्मद शारिक इस्लामिक स्टेट (ISIS) हैंडलर्स के संपर्क में था। पुलिस पहले से ही इस घटना को आतंकी साजिश मानकर जांच कर रही थी।
मेंगलुरु. कर्नाटक के मेंगलुरू में हुए ऑटोरिक्शा विस्फोट केस(Mangaluru Autorickshaw blast) में जांच रही पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मोहम्मद शारिक इस्लामिक स्टेट (ISIS) हैंडलर्स के संपर्क में था। पुलिस पहले से ही इस घटना को आतंकी साजिश मानकर जांच कर रही थी। पुलिस को आरोपी शारिक के घर से कई संदिग्ध सामान मिले हैं। इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे एडीजीपी (ADGP) आलोक कुमार ने बताया कि 19 नवंबर की रात करीब 7:40 बजे मेंगलुरु शहर के बाहर चलते ऑटो में एक कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था। इसमें यात्री बनकर सफर कर रहा शारिक और ऑटो ड्राइवर पुरुषोत्तम पुजारी घायल हो गए थे। 24 वर्षीय मोहम्मद शारिक इस विस्फोट में झुलस गया था। फिलहाल शहर के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। ADGP( लॉ एंड ऑर्डर) आलोक कुमार ने कहा-"हमारी प्राथमिकता यह देखना है कि वह जीवित रहे, ताकि पूछताछ अपने अंजाम तक पहुंच सके।
इस बीच पुलिस ने 7 जगहों पर छापेमारी की है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि शारिक पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनका नाम पहले तब सामने आया था, जब 15 अगस्त को जिला मुख्यालय शहर शिवमोग्गा में एक सार्वजनिक स्थान पर हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर सांप्रदायिक झड़प हुई थी। तब बदमाशों ने जमकर उत्पात मचाया था और पास की एक दुकान में नौकर प्रेम सिंह को चाकू मार दिया था। इस सिलसिले में पुलिस ने मोहम्मद जबीहुल्ला उर्फ चारबी, सैयद यासीन और माज मुनीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शारिक फरार हो गया था। यासीन और माज़ ने उस समय पुलिस को बताया था कि शारिक ने उनका "ब्रेनवॉश" किया था। समूह देश में इस्लामिक स्टेट का आधार स्थापित करने की योजना बना रहा था।
पढ़िए पुलिस की पड़ताल में क्या निकला?
इससे पहले कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक(DGP) प्रवीण सूद ने रविवार को बताया था कि मंगलुरू में एक पुलिस थाने के पास एक चलते ऑटोरिक्शा में कुकर में छुपाए गए विस्फोटकों से विस्फोट हुआ था। यह नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया आतंकवादी कृत्य है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि संदिग्ध(मोहम्मद शारिक) ऑटो में यात्री बनकर जा रहा था, उसके आतंकवादी संबंध निकले हैं। लिहाजा इस जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी और खुफिया ब्यूरो के अधिकारी भी कर्नाटक पुलिस में शामिल हो गए हैं। बोम्मई ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह कम तीव्रता वाला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(low intensity improvised explosive device) प्रतीत होता है। आगे की जांच से और जानकारी सामने आएगी।
फर्जी आधार कार्ड मिले थे
इस मामले में तमिलनाडु लिंक की संभावना भी सामने आई है, क्योंकि संदिग्ध के पास दो फर्जी आधार कार्ड मिले थे। इसमें एक टीएन(तमिलनाडु) के पते के साथ और दूसरा हुबली के पते के साथ। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विस्फोट के लिए विस्फोटकों से लदे कुकर, डेटोनेटर, तारों और बैटरियों का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने घटनास्थल से इनके क्षत-विक्षत टुकड़े बरामद किए हैं।
मंगलुरु में एक पुलिस स्टेशन के पास विस्फोट के बाद ऑटो ड्राइवर और आरोपी घायल हो गए थे। ब्लास्ट में ऑटोरिक्शा का इंटीरियर पोर्सन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जांच के तहत विशेष पुलिस दल कोयंबटूर सहित कई जगहों पर पड़ताल कर रही है। सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध ने एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था, जिसमें तमिलनाडु के पते का उपयोग करके लिया गया सिम कार्ड था। एक ट्वीट में, डीजीपी ने कहा: "अब इसकी पुष्टि हो गई है। विस्फोट आकस्मिक नहीं था, बल्कि गंभीर नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया आतंकी कृत्य था। कर्नाटक राज्य पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ इसकी गहन जांच कर रही है।"
एक अन्य शख्स से पूछताछ
इस बीच, टीएन पुलिस ने ऊटी के पास एक गांव में एक 40 वर्षीय व्यक्ति से पूछताछ की, क्योंकि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड को उसके आधार कार्ड का उपयोग करके खरीदा गया था। पुलिस ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए कोयंबटूर लाया गया है। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, "हमें जो जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि इस घटना के पीछे कोई गहरी साजिश है। यह दिख रहा है कि अपराधियों का आतंकवादी संगठनों से संबंध था।"
पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह संदेह है कि आरोपी शिवमोग्गा का रहने वाला है। उसकी कस्बे में दीवारों पर आपत्तिजनक चित्र आदि लिखने की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस ने पहले ही शक जताया था कि इसकी आईएस-आतंकी मॉड्यूल मामले में संलिप्तता हो सकती है। हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संपर्क में रहने वाले कुछ युवकों सहित शिवमोग्गा से संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि 19 नवंबर को मंगलुरु में ब्लास्ट वाले दिन चलते ऑटोरिक्शा में ब्लास्ट की वजह साफ नहीं हो पाई थी। पुलिस को संदेह है कि यह आत्मघाती बम विस्फोट का असफल प्रयास हो सकता है। उन्होंने कहा कि मंगलुरु में विस्फोट कोयम्बटूर में हाल ही में हुए कार विस्फोट से मेल खाता है।
यह भी पढ़ें
Shraddha murder case: जून में पालघर से दिल्ली ट्रांसपोर्ट हुए थे 37 बॉक्स,आखिर उनमें ऐसा क्या था?
BJP ने AAP पर किया स्टिंग बम का वार, कहा- मंत्री गोपाल राय ने बेचे टिकट, बड़े नेता भी वसूली में शामिल